30 अग॰ 2007

अमिताभ जीं ने क्या ब्लॉग लिखा है....?

अमिताभ जी के ब्लॉग को देख के हैरानी हुई । ब्लॉगर के बीच अगर अमित जीं आये हैं तो सुखद घटना है ......
और अगर कोई और उनके नाम पे ब्लागिंग कर रहा है तो शर्मनाक बात है.....! ऐसे ब्लाग्स के जानकार
कृपया लिंक भेजने की कृपा कीजिये

28 अग॰ 2007

" बाईक भागलपुर की !!"

पुलिस वालो
तुम सब छोटे लुटेरों को
इसी तरह बाइक से बाँध कर
घसीटते रहना मैं तो कहता हूँ
इस काम को मत रोकना !
कोई कुछ भी कहे
कुछ भी मत सोचना !
तुम्हारा साहस जारी रहे देखना है मुझे
कोई
बड़ा लुटेरा तुम्हारी बाइक से
बंधा
"घसीटा जाएगा भागलपुर ही नहीं
हर शहर की सडकों पर "
वो लुटेरा जो सबका चैन छीन कर भागता है

amool वी ओ आई

http://www.hindu.com/mp/2007/08/04/stories/2007080451500600.htm
गोविंदा को नचाना उस दिन आसान न था आभास के लिए

अगरचे आभास की प्रतिभा के कायल ना होते गोविंदा तो

वे मंच पर न आते।

आभास पक्का सितारा है इसमे कोई दो राय हों ही नहीं

सकती । जबलपुर का ये बच्चा अपने टेलेंट के बूते अमित जीं

सुमित जीं को भौंचक करेगा मुझे तो इसका अंदाज़ न था। मेरी

दुआएं सदा उन सभी कलाकारों के साथ हैं जो कला के लिए जीं जान

एक कर देते हैं....!

मुझे मिरान्दे प्रियानी प्रान्तिक अभिलाषा भी बेहद पसंद हैं आपको

भी ये अच्छे और सुरीले लगते ही होंगे ......?

तोषी, इरफान को कौन भूलेगा इष्मीत हर्षित अर्शप्रीत, सभी तो सितारे हैं...

सभी के "माता -पिता" आदर के पात्र हैं.......?

साधुवाद ! बधाई...! जो आप इनके माता-पिता हैं...!

27 अग॰ 2007

इन्दौर में प्रियाणी, आभास और इरफान

http://hindi.webdunia.com/entertainment/tv/news/0708/25/1070825058_1.htm



इन्दौर में प्रियाणी, आभास और इरफान
24 अगस्त की शाम ‘स्टार वाइस ऑफ इंडिया’ के तीन प्रतियोगी अपना कार्यक्रम देने इन्दौर आएँ। प्रियाणी, आभास और इरफान ने शहर के एक मॉल में अपने चहेतों के बीच कार्यक्रम दिया। कार्यक्रम की शुरूआत आभास ने ‘भीगे होठ तेरे’ से की और श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध किया।इसके बाद तीनों प्रतियोगियों ने एक साथ ‘इट्स टाइम टू डिस्को’ गाया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था कि इस कार्यक्रम के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोग जाने और प्रतियोगी जनता के बीच जाकर अपने-अपने लिए वोट माँगे।

तीनों प्रतियोगियों में आभास की प्रस्तुति में आत्मविश्वास झलक रहा था। प्रियाणी थोड़ी सहमी हुई थी और उसका सारा ध्यान गायन पर कम और वोट मांगने पर ज्यादा था। इरफान अपने रंग में नहीं थे।

26 अग॰ 2007

आभास जोशी स्नेह मंच,

आप सबके लिए
आभार की "अभिव्यक्ति" के लिए शब्द नहीं है..
हमारे पास आभास जोशी को आप वोटिंग से वोट ज़ारी रखिए
और
इस उम्दा फ़नकार को आपका प्यार मिलता रहेगा
हमें उम्मीद है..........!!

आभास जोशी स्नेह मंच,
जबलपुर , मध्य प्रदेश

है दुनिया "आभास की "









आप सबके लिए

आभार की "अभिव्यक्ति" के लिए शब्द नहीं है..
हमारे पास,उम्दा फनकार को आपका प्यार मिलता रहेगा हमें उम्मीद है..........!!
ABHAAS
आभास जोशी स्नेह मंच,
जबलपुर , मध्य प्रदेश

आँखें हैं आपकी या पूजा का दीप है

आँखें हैं आपकी या पूजा का दीप है
हटती नहीं हमारी निगाहों का करें....?

हक़ीमों के पास यक़ायक बढने लगे मरीज़
उस नाज़नी की क़ातिल अदाओं का क्या करे...?

वो इश्क़ नहीं! करतीं हैं-"सियासत आज़कल"
हर ख़त में लिखी वफ़ाओं का क्या करें ....?

अपने मतलब के सलाम.....!"


" हज़ूर.........!!"
हजूर ...!! इनके बारे में क्या कहूँ...? हज़ूर बड़ा हुआ सो क्या हुआ जैसे.... अब आगे आप को समझ में ना आया हो तो पूछ लीजिए किसी हिंदी स्कूल के बच्चे से क्योंकि उसे ही मालूम होगा , कांनवेंटिया औलादे तो कबीर को कैसे जान सकतीं हैं। आपको क्या किसी को नहीं मालूम हज़ूर-ए-आला की तारीफ़ .... जो सब करतें हैं उसे आप जोचाहे कहें वो उनकी तारीफ़ क़तई नहीं है वो उनकी औक़ात है जिसे आप सलाम कर रहे होते अक्सर. हज़ूर की तारीफ़ में मैं चन्द बातें कहने जा रहा जिसे आप क़सीदा मत कह देना......!
हज़ूर .. के दरबार मे चेले , पूरे के पूरे” धान्सू-किस्म-के-चिलमची” थे, चिलमचियो की
कार्य-सूचि मे ख़बर लाना भी ज़रूरी काम था .पूरे मुहल्ले की चुगलखोरी की ज़िम्मेदारी जो थी उनके सर सो वे बेचारे हज़ूर के ख़बर के लिए.....!
आज़ाद भारत में हजूरों की खास अहमियत , ये बेचारे न तो घर के होते है ओर
घर में इनको सहज जीवन नहीं मिल पाता, बाहर ये सहज हो गए तो हूजूरी
खतरे मे सो कुल मिला कर वही बात . ना घर के ना घाट के..........!!
तो हुज़ूर .....उन हुज़ूर के एक घर है ....जहाँ वे रहते है । एक घाट है जो दुनिया दारी नामक नदी के किनारे बना है पिछले चुनाव में वहाँ उनको एक कुर्सी मिली थी । उसी पर बैठ कर वो बंसी दाल के बैठे रहते हैं । कोई न कोई मछली फंस ही जाती है उसमें । जन सेवा के नाम पर हुज़ूर का धंधा जारी है।
******************************************
पैसा कलेक्ट कर येन के न प्रकारेण काम करा देने में माहिर हजूर की पूरा खानदान सरकारी इमदाद की धारा अपने घर की तरफ मोड़ लेता है। जे० आर० वाइ० की सड़क , से

आखर-पाती


"आखर पाती"
मेरे शहर में वे दूकान दारी के अलावा क्या करते हैं मुझे नहीं मालूम ! सबको व्यवसायिक होना ही चाहिऐ । यदि घोड़ा घास से "आई लव यू" कहेगा तो
खायेगा क्या...... पैसा अरे ! पैसा घोड़े थोड़े ही खाते हैं... इसे खाने वाला बड़े
हौसले वाला जानवर होता है..... जिसे भगवान ने दिमाग देकर सबसे ताकत
वर , बनाया है... इस मुद्दे पर फिर कभी लिखूंगा ।
सो वो श्री मान हर लल्लू पंजू को महान साहित्य सेवी का छलावा दिखा कर
[इस फोटो को इस आलेख से जोड़ना ज़रूरी नहीं]
दस बीस रचनाओं को ५०-६० बना कर छपवा देने से लेकर मुफ़्त में बटवाने तक का म ओ यू
साइन कराने का हौसला रखते हैं। हमारे शहर में गली में एक साहित्य सेवी रहता है । उसकी अपनी
एक सदस्यीय संस्था होती है। जिसके तार उस महान हस्ताक्षर से जुड़े हैं जो सबको महान होने का
भरम बाँटता है....! उसकी
मैने उनसे कहा -"श्रीमान , गरीब रचना कारों के पास पैसा नहीं होता सो क्यों न हम उनको इन्टर नेट
से जोड़ दें...... उनके वास्ते ब्लॉग बना दें ?
श्रीमान की जेब पर डाका डालने की नौबत आती देख उनने मेरी बेईज्ज़ती बदनामी करनी शुरू कर दीं
तब से हम भी नेटिया-आखर - पाती उर्फ़ ब्लॉग से जुड़ गए ओउर आप लोगों मे अपने विचार रखने लगे
रहा सवाल श्रीमान जीं का वो अब हमको घास नहीं डालते । अब विमोचन की पातियाँ आनी भी बंद हों
गयी ।
हम हैं कि उनका पीछा नहीं छोडेगें ब्लॉग की ताकत दिखा ही देंगें ।

25 अग॰ 2007

अचानक .... होते ...हैं विस्फोट ...!!





हम
जो आदी से हों गए हैं विस्फोट के साथ
तार -तार होती
इंसानियत को देखने
के
लोग जो भारत हैं

लोग जो हैदराबाद हैं...
लोग जो भोपाल हैं ....
लोग जो मुम्बई हैं ...
लोग जो हिंदुस्तान हैं....
लोग जो लता जीं के ग़ज़ल सुनते हैं
लोग जो रफी साहब के गाये भजन गुनते हैं
लोग जो "देबा-शरीफ" में जाकर मन ही मन
मानस पूजक बन जाते हैं ....!
लोग जो क्रिसमस ,ईद , दीवाली ,
साथ-साथ मनाते हैं .......!
वो ही तब्दील हों जाते हैं......चीथड़ों में.... और तार तार हों जाती है
" इंसानियत "

23 अग॰ 2007


राखी...!!

शहर की रगों में जख्म

और ये शहर फ़िर सेतैयार

बाँटने को प्यार जी हाँ सिर्फ़ शब्द नहीं ये"सचाई" है...!

मैनें सीमा और शबनम दौनों सेराखी बंधवाई है....!!!

"मुकुल"

22 अग॰ 2007

आभास के संस्कार...!

" आभास को आपकी जरूरत हमेशा ही रहेगी.!!"
आभास एक जीवट कलाकार ही नहीं बेहद संजीदा बच्चा भी है । मैंनें उसे बहुत देर में पहचाना, अपने करीब जो होता है उसकी नियति ही यही होती है लोग उसे देर से ही पहचान
पातें हैं।आपने देखा होगा इस हरफ़न मौला कलाकार को किशोर दा के गीत को गाते हुए ॥
अमित और सुमित भोंचक रह गए थे ।
"ये दुनियाँ उसी की" में रफी का मानो अवतरण हों रहा हों ...?
"बावरे-फकीरा" की रिकार्डिंग के दौरान आभास ने मुझे चौंका दिया ....

हुआ यूँ कि उस वक़्त श्रेयश हो निर्देशन में गाने में तल्लीन आभास ने बाहर आकर मुझे प्रणाम किया
मेरे ड्रायवर को भी ठीक उसी तरह प्रणाम किया ।
मेरे ड्रायवर की आंखें भर आयीं इस सम्मान से आज भी उस घटना का ज़िक्र करते हुए हुए रोहित भावुक हों जाते हैं....
इन्सान की इज्ज़त करने वाले कलाकार को दुनियां भर में ख़ूब प्यार और दुआएं मिलतीं हैं...!

Abhas Joshi the wonder boy of jabalpur

Abhos Joshi the wonder boy of jabalpur needs your
supoort .his id 05,

TO SEE HIS PERFOR. PL. CLIK

http://www.youtube.com/watch?v=4dqD0tUq2Ak

http://www.youtube.com/watch?v=7SS1GX84nBk&NR=1

HIS WORKE

A TRIBUTE TO SHIRDEE SAI BABA DEVOTIONAL ALBUM
"BAWARE FAQEERA"
VOICE :- *AABHAS JOSHI
*SANDEEPA
MUSIC:-*SHREYA-JOSHI
LYRICS:-*GIRISH BILLORE"MUKUL"

*RECORDIST:- ASHISH-SAXENA
THIS DEVOTIONAL ALBUM WILL CONTRIBUTE FOR THE DISABLED CHILDREN SUFFERING FROM "POLIO"
FOR THIS CHARITY CAUSE & CONTRIBUTEFOR THE SUCCESS OF THE ALBUMPL.FORWARD THIS INFORMATION TO YOUR "FRIENDS/RELATIVES/ORGANISATION(S)GROUP/SAI-BHAKT ETC". FOR FURTHER DETAILS & YOUR SUGESSTIONS CONTACT[1]
girishbillore@gmail.com\girishbillore@gmail.com[2] wcd_jab@yahoo.com.[3] mailto:girish_billore@rediffmail.com [4] PHONE 09926471072 [5] PHONE 09424604554
As u know that "ABHAS" is in
FINAL of

"AMUL STAR VOICE OF INDIA"

आभास जोशी been consistently doin' well there by God's grace & ur blessings!!!!
Now he needs more blessings,love & support from you through ur precious votes,as from now onwards the number of votes casted to him will decide his fate in "VOI "
"THE VOTING STARTS FROM
You can vote
through SMS-Type VOI 05 and send it to 7827-
Landline:-Dial 1862424782705

BSNL users Dial- 1278270505
, Airtel & Spice users dial-
5057827

--

21 अग॰ 2007

यूँ-सहर तक जगता हूँ


यूँ सहर तक़ जागता हूँ, ख़ाक दर-दर छानता हूँ...
धवलपोशो की धवलता,ख़ूब मैं पहचानता हूँ.. ..!!
*************
ये तपश्वी वो यशश्वी,हर जगह ऐसे-ही-ऐसे
आम इन्सा एक-दो ही जिन्है मैं भी जानता हूँ..!
**************

आग के गोले गिराते , बस्तियों को जो जलाते
वो हैं वक्ता प्रखर सच में , उन्हें मैं पहचानता हूँ...!
***************

17 अग॰ 2007

तुम


तुम्

जो आईने को अल्ल-सुबह मुँह चिढाती
फिर तोते को पढाती ....!

तुम
जो अलसाई आँखें धोकर सूरज को अरग देतीं....!
मुझे वही तुम नज़र आतीं रहीं दिनभर
घर लौटा जो ... तुमको न पाकर लगा
हाँ ....!

तुम जो मेरी स्वप्न प्रिया हों

मिलोगी मुझे आज रात के सपने में ...!

उसी तरह जैसा मेरे मन ने देखा था "मुँह अंधेरे आए सपने में "

तुम् जो
आईने को अल्ल-सुबह मुँह चिढाती फिर तोते को पढाती ....!

तुम जो अलसाई आँखें धोकर सूरज को अरग देतीं....!

*गिरीश बिल्लोरे "मुकुल"

15 अग॰ 2007

"काय.... आज आ रये हो का...!"

उनकी आवाज़ थी दूसरी ओर से , फ़ोन पर वो जो जनता के दुख दर्द के हिमायती लगते थे ,थे की नहीं ये दो लोग जानते एक तो वो ख़ुद जो फ़ोन पर दूसरी ओर से बोल रहे थे और दूसरा उनका भगवान . अब आपसे क्या छु पाएँ और क्यों छु पाएँ उनका नाम वो बेचारे नाम के लिए ही पैदा हुए, मरेंगें भी तो चलिए उनका नाम रख ही लेते हैं -"गोपाल जी" गोपाल जी नगर पंचायत में पार्षद हैं रसूख वाले हैं हम हैं कि उनके सामने पिद्दी से लगते हैं.
तो वो यानी गोपाल जी कई दिनों से मुझे अपने सियासी ज़लवे दिखाने बुला रहे थे.
तो वो यानी गोपाल जी कई दिनों से मुझे अपने सियासी ज़लवे दिखाने बुला रहे थे. सो तय हुआ कि आज यानी 15 अगस्त पर हम गोपाल जी के पास जाएँगे. गाँधी जी के देश में लोग जो गोपाल जैसे होते हैं अमूल निधि होते हैं , उनका होना इस दुनियाँ के लिए कितना ज़रूरी है मेरे और उनके वार्तालाप से आपको चल ही जाएगा:- "" काय आज आ रये हो का" "हाँ, भैया आज ज़रूर आना तो है " "आज हम ज़रा बिज़ी हैं" "काहे में ...?" "अरे..! का बताएँ जनता मानै नई…! "
दो जगह की अध्यक्षता है अपनी.. दो-तीन बज जै हैं आप तो आ जाओ टाइम लेकर अइयो...? गोपाल बाबू ने कस्बे में अपने रसूख का समाचार सुना दिया. कस्बाई मानसिकता के प्रतिनिधि गोपाल जी फुल टाइम मोहल्ला छाप नेता गिरी करतें हैं. अब तो लोग बाग़ उनसे डरने लगे हैं तभी तो उनको अध्यक्षता का बुलावा आने लगा. रसूख मे इज़ाफ़ा होने की सूचना...!
मुझे उनकी गाँधी-टोपी, सफ़ेद झक पोशाक ओँठो पे वतन परस्ती का दिखावा दिल में वो ही काईंयाँ पन जो हम सब आसानी से बांच सकते हैं. गोपाल जी जैसों को आज़ादी के अर्थ समझाने की ज़वाबदेही लादने वाले लोगो कुछ समझ आया .

"आज़ादी की 60वी वर्ष गाँठ की शुभ कामनाएँ "


मैं नंबर एक हूँ
आज़ादी के मायनें बदलने की ज़ुर्रत करने वालों
समझो ये वतन वो वतन है जहाँ ईश्वर ने जन्म लिया बाक़ी दुनियाँ ने तो केवल
उसकी अनुभूति ही पाई है...इस सरज़मीं पे ईश्वर हर पल जन्म लेता है तभी तो
इसकी सरहदें सरहद की उस परिभाषा की सरहदें नहीं हैं जो किसी वतन के
मानचित्र को एक आकार देतीं हैं!ये वतन वो वतन है जो हर हिंदुस्तानी के दिल
मे है... आप देखना चाहतें हैं देख सकते हैं हर हिंदुस्तानी के कलेजे चीर के....





रुकिये किसी और के कलेजे को चीरने की ज़रूरत नहीं मेरा कलेजा हाज़िर है
आप चाहें तो मुझे हर बात में सबसे पीछे रख दीजिए जब इस वतन के लिए
क़ुर्बानी की ज़रूरत हो मुझे याद कर लीजिए.... मैं नंबर वन ही रहूँगा क्योंकि
मैं नंबर एक हूँ

2 अग॰ 2007

"बावरे फकीरा ": बावरे फकीरा की टीम

"बावरे फकीरा ": बावरे फकीरा की टीम

BAAWARE FAQEERA

ममतामयी, त्याग की प्रतिमा-ओ निर्माणी जीवन की।
तुम बिन किससे कहूँ व्यथा मैं-अपने इस बेसुध मन की।।
माँ बिन कोई नहीं,सक्षम है करुणा रस का ज्ञान कराएँ।.
A TRIBUTE TO SHIRDEE SAI BABA DEVOTIONAL ALBUM
"BAWARE FAQEERA"VOICE :- *AABHAS JOSHI *SANDEEPA
MUSIC:-*SHREYA-JOSHI
LYRICS:-
*GIRISH BILLORE"MUKUL"

*RECORDIST:- ASHISH-SAXENA
THIS DEVOTIONAL ALBUM WILL CONTRIBUTE FOR THE DISABLED CHILDREN SUFFERING FROM "POLIO"
FOR THIS CHARITY CAUSE & CONTRIBUTEFOR THE SUCCESS OF THE ALBUMPL.FORWARD THIS INFORMATION TO YOUR "FRIENDS/RELATIVES/ORGANISATION(S)GROUP/SAI-BHAKT ETC". FOR FURTHER DETAILS & YOUR SUGESSTIONS CONTACT[1]
girishbillore@gmail.com\girishbillore@gmail.com
[2] wcd_jab@yahoo.com.[3] mailto:girish_billore@rediffmail.com[4] PHONE 09926471072 [5] PHONE 09424604554

BILLORE'S BLOG: http://radiovani.blogspot.com/2007/07/blog-post_26.html

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BILLORE'S BLOG: किसी टूटे हुए दिल को सलीके से उठाना तुम