31 मार्च 2008

चम्बल की आवाज़ से साभार

CHAMBAL KI AWAZ चम्बल की आवाज़ : विभागीय ...
विभागीय योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहुँचाना जरूरी-सुश्री कुसुम मेहदेले
जबलपुर, 25 फरवरी 2007
महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले ने जबलपुर संभाग के जिलों में पदस्थ विभागीय अधिकारियों की बैठक में कहा है कि गरीब एवं कमजोर वर्ग के लिए राज्य शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन हेतु वे पूरी दक्षता और तत्परता से कार्य करें।
सुश्री मेहदेले ने बैठक में लिंग विभेद पर चर्चा करते हुये कहा कि महिला पुरूष का अनुपातिक अंतर कम करने के लिये विभाग द्वारा जेन्डर मुद्दों पर प्रभावशाली कार्य किया जाना आवश्यक है। नरसिंहपुर जिले के चावरपाठा विकासखण्ड को चिन्हित करते हुये सुश्री मेहदेले ने विशेष चेतना जागृति शिविर के आयोजन हेतु संबंधित परियोजना अधिकारी तथा जिला अधिकारी को निर्देशित किया साथ ही उन्होंने राज्य शासन की लाडली लक्ष्मी योजना के क्रियान्वयन एवं प्रचार-प्रसार पर बल देते हुये विभागीय अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने दिशा निर्देश दिये।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि विभाग के उन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जो भ्रूण परीक्षण लिंग परीक्षण रोकेगे उन्हें विभाग द्वारा दिये जाने वाले पुरस्कार के अतिरिक्त स्वंय उनके द्वारा भी दस हजार रूपये की सामान्य निधि एवं प्रशस्ति-पत्र दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि महिलाओं को कानूनी संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से विभागीय अधिकारियों को प्रतिषेध अधिकारी के रूप में तैनात किया जायेगा साथ ही अन्य कानूनों के सफल क्रियान्वयन हेतु गृह विभाग से समन्वय कर विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
महिलाओं के आर्थिक विकास की चर्चा करते हुये महिला बाल विकास मंत्री ने कहा कि म.प्र. महिला वित्त विकास निगम के क्रियान्वयन हेतु जिला कार्यक्रम अधिकारियों एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों तक प्रभावशाली परिवर्तन लाया जा रहा है ताकि गॉव-गॉव में महिलाओं के लिये चलाये जाने वाले वित्त विकास निगम के कार्यक्रमों को पहुँचाया जा सके। सामुदायिक सहभागिता एवं स्वयं सेवी संस्थाओं की भूमिका को विशेष रूप से प्रभाव शाली बनाने हेतु मंत्री महोदया द्वारा संस्थाओं के लिये एक वर्ष में मान्यता एवं अनुदान के प्रावधान किये जाने की मंशा जाहिर की।
योजनावार समीक्षा करते हुये मंत्री सुश्री द्वारा कुपोषण की समाप्ति के लिये प्रभावशाली कार्य योजना तैयार करने तथा बाल संजीवनी अभियानों चिन्हित बच्चों के स्वास्थ में सकारात्मक सुधार हेतु प्रयास करने के निर्देश दिये। गोदभराई का कार्यक्रम के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए श्री मेहदेले ने विभाग के बहुआयामी कार्ययोजना को रेखाकिंत किया तथा कहा कि इससे संस्थागत प्रसव एवं सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि जबलपुर जिले की एकीकृत बाल विकास परियोजना बरगी से शुरू हुये गोदभराई के कार्यक्रम को विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है

23 मार्च 2008

आभास को जन्म दिन की हार्दिक बधाइयां "



आभास को जन्म दिन की हार्दिक बधाइयां "
भावों की सलाई लेकर हम शब्द बुने तुम सुर देना
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जीवन के सफर में मैंने भी
कुछ सपन बुनें तुमको लेकर .
कुछ स्वपन मेरे थे मुक्त गीत
कुछ सपनों के तीखे तेवर ..?
मन की पीडा जब गीत बने श्रेयस होगा तुम सुर देना ...!!
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आभास मुझे था जीवन में
कुछ ऐसा हम कर जाएंगे
देंगें इक मुट्ठी दान कभी
भर-भर के झोली पाएँगें ..!
जब मन इतराए बादल सा तुम सावन का रिम झिम सुर देना !!
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" आभास को जन्म दिन की हार्दिक बधाइयां "
गिरीश चचा,सतीश हरीश,अंकुर,सोनू,श्रद्धा, चिन्मय,आस्था,अनुभा,शिवानी,
एवं काशीनाथ बिल्लोरे एवं समस्त बिल्लोरे परिवार जबलपुर,
के साथ बावरे फकीरा टीम,सुदर्शन परिवार,मनीष शर्मा,माधव सिंह यादव,

8 मार्च 2008

"स्वर्गीय,श्रीमती शकुन्तला निलोसे"


श्रीमती निलोसे जी के बारे में जानने के
लिए नीचे दर्शित पन्नों पर क्लिक कीजिए



  • "तीसरी कक्षा पास थी जब वैधव्य की छाया का साया पडा था "

जी हाँ शकुन्तला निलोसे तीसरी कक्षा पास थीं , एक नन्ही बेटी की जवाबदारी के साथ पति के निधन के बाद उस दौर की परिस्थियाँ कितनी कठिन थीं जब न तो इतनी जागृति थी और न ही अवसर , बहनजी के पास एक बेटी,तीसरी कक्षा तक पढाई का प्रमाण-पत्र,और साथ था -"आत्म-साहस"। उन्हौने हार नहीं मानी धीरे-धीरे एक-एक कक्षा पास करते एम० ए० पास कर शिक्षण कार्य में जुट गयी ये देवी ! मन में कवितायेँ उभरातीं और भर देतीं उछाह जीत ली बाधाएं "सकुन-बैण" ने....!हम सब,उनके जीवन से इतना ही सीख पाएं कि "आत्म-साहस से ही जीत है "उनको सच्ची श्रृद्धांजलि होगी......दहेज़ न लेने -देने के लिए मशहूर नार्मदेय-ब्राह्मण समाज की नियमित मासिक / अनियताकालिक/अन्य...पत्र पत्रिकाओं में उनके आलेख बेहद रुची के साथ पड़े जाते रहे हैं।

3 मार्च 2008 को जब वे इस दुनिया को अलविदा कह गई बहन जी जबलपुर नार्मदेय-ब्राह्मण समाज की संरक्षिका थीं साथ ,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का दायित्व भी था उनके पास ।