20 जुल॰ 2012

संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी की क्षति को कम करना



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डैनियल
पाइप्स
मौलिक अंग्रेजी सामग्री: Lessening UNRWA's Damage
हिन्दी अनुवाद - अमिताभ त्रिपाठी
संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी एक ऐसा संगठन जिसका निर्माण फिलीस्तीनी शरणार्थियों को ध्यान में रखकर किया गया था उसके आलोचक अब उसके पापों की ओर ध्यान देने लगे हैं। इसके शिविर आतंकवादियों के लिये स्वर्ग हैं । इसका प्रशासनिक ढाँचा अत्यधिक बडा है और इससे सहायता प्राप्त करने वालों में कट्टरपंथी भी हैं। इसके विद्यालय घृणा सिखाते हैं। इसकी पंजीकरण की सूची फर्जीवाडे से भरी है। इसकी नीतियों से स्वयं को उत्पीडक दिखाने की मानसिकता को प्रोत्साहन मिलता है।
परंतु संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी से उत्पन्न होने वाली सबसे बडी समस्या इसका उद्देश्य है। 63 वर्षों से यह एक ऐसी एजेंसी बन गयी है जो कि शरणार्थी समस्या को सुलझाने के स्थान पर उसे शाश्वत बना रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी शरणार्थियों का समाधान करने के स्थान पर प्रत्येक दिन अधिक पौत्र और प्रपौत्र का पंजीयन करती जाती है जो कि कभी भी न तो अपने घर से और न ही अपने रोजगार से ह्टाये गये और इस पंजीयन से कृत्रिम आधार पर उन्हें " शरणार्थियों" की सूची में शामिल कर दिया जाता है और इससे इजरायल से दुखी शरणार्थियों की संख्या बढती जाती है। अब तक ये वंशज संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी के शरणार्थियों का कुल 90 प्रतिशत हो गये हैं। इसके साथ ही यह एजेंसी शरणार्थी समझौते का भी उल्लंघन करती है तथा उन 20 लाख लोगों को भी शरणार्थी का दर्जा देती है( ऐसे लोग इस एजेंसी की शरणार्थी लाभार्थियों का 40 प्रतिशत हैं) जिन्हें जार्डन,सीरिया और लेबनान में नागरिकता दी जा चुकी है।
ऐसे कारणों के चलते नये सिरे से बस जाने के बाद और प्राकृतिक आधार पर संख्या कम होने के स्थान पर संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी में शरणार्थियों की संख्या 1949 से लेकर अब तक 750,000 से बढकर 50 लाख हो चुकी है। इस गति से इस संयुक्त राष्ट्रसंघ सहायता और कार्य एजेंसी की शरणार्थियों की संख्या 2030 तक 80 लाख और 2060 तक 2 करोड हो जायेगी , इसके शिविरों और विद्यालयों में निरर्थक रूप से इस स्वप्न को प्रेरित किया जाता है कि ये लाखों वंशज एक दिन इजरायल के अपने पैतृक स्थान पर वापस जायेंगे। जब फिलीस्तीन अथारिटी के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है कि 50 लाख फिलीस्तीनियों को भेजने का अर्थ है " इजरायल का नष्ट होना"। यह स्पष्ट है कि संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी संघर्ष के समाधान में बाधा है।
इजरायल की सरकार के अधिकारी पूरी तरह जानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी शरणार्थी समस्या को शाश्वत स्वरूप दे रही है और इसके पापों से भी वे पूरी तरह परिचित हैं। इसी कारण इजरायल ने इस एजेंसी के साथ काम चलाऊ सम्बंध बना रखे हैं और कुछ सेवाओं के लिये इसका सहयोग भी लेता है।
इजरायल की सहयोग की नीति 1967 में आरम्भ हुई जब Comay-Michelmore Exchange of Letters के माध्यम से जेरूसलम ने " संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी को इजरायल अधिकारियों की ओर से हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया" । यह नीति नवम्बर 2009 तक काफी कुछ जारी रही जब इजरायल के प्रतिनिधि ने इस बात की पुष्टि की कि 1967 के पत्र की भावना के अनुरूप इस एजेंसी के साथ सहयोग जारी रहेगा और इसके आवश्यक मानवीय मिशन को सहायता दी जायेगी। इस प्रतिनिधि ने तो यहाँ तक आश्वासन दिया कि संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी के साथ " निकट समन्वय" बना रहेगा।
इजरायल के अधिकारी संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी की नकारात्मक राजनीतिक भूमिका और सामाजिक सेवा एजेंसी के रूप में इसकी सकारात्मक भूमिका विशेष रूप से इसकी शिक्षा और चिकित्सा में भूमिका के मध्य विभेद करते हैं। वे इस बात की सराहना करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र संघ विदेशी सरकारों से प्राप्त आर्थिक सहायता से पश्चिमी तट की एक तिहाई जनसंख्या की सहायता करता है तथा तीन चौथाई गाजा के लोगों की। इस आर्थिक सहायता के बिना इजरायल को अपनी सीमा पर विस्फोटक स्थिति का सामना करना होता तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजरायल को एक " कब्जा की हुई शक्ति" माना जाता है तो उससे यह अपेक्षा की जाती कि वह इन लोगों की सहायता करे। अत्यंत विषम स्थिति में इजरायल की सुरक्षा सेना को इन शत्रुवत क्षेत्रों में विद्यालय और चिकित्सालय की देखरेख करने के लिये प्रवेश करना होता और इसका खर्च इजरायल के करदाताओं को वहन करना होता जो निश्चय ही इनके लिये सुखद न होता।
जैसा कि अत्यंत जानकार इजरायली अधिकारी ने इसे इस प्रकार कहा है, संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी ने " फिलीस्तीन की नागरिक जनसंख्या को मानवीय सहायता प्रदान करने में मुख्य भूमिका निभाई है" और इसे जारी रहना चाहिये।
इससे इस बात की व्याख्या होती है कि जब इजरायल के विदेशी मित्र संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी की आर्थिक सहायता रोकने का प्रयास करते हैं तो जेरूसलम संयम की सलाह देता है या फिर ऐसे प्रयासों को बाधित करता है। उदाहरण के लिये जनवरी 2010 में कनाडा की हार्पर सरकार ने घोषणा की कि वह संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी को आर्थिक सहायता देने के स्थान पर सीधे फिलीस्तीन अथारिटी को देगी ताकि इस क्षेत्र में उत्तरदायित्व और तीव्र रूप से लोकतन्त्र की प्रकिया आरम्भ हो सके। यद्यपि कनाडा के समाचार पत्रों ने गर्व से कहा कि "सरकार ने उनके सुझाव को सुना" परंतु कनाडा के कूटनयिकों ने बताया कि जेरूसलम ने धीरे से कनाडा से संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी को आर्थिक सहायता पुनः आरम्भ करने का आग्रह किया।
एक और उदाहरण : दिसम्बर 2011 में डच विदेश मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार " सघन रूप से संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी के सम्बंध में नीति की समीक्षा करेगी बाद में जेरूसलम ने गोपनीय रूप से कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी की आर्थिक सहायता को उसके हाल पर छोड दें।
इस आधार पर हमारे समक्ष एक प्रश्न उठता है कि क्या शरणार्थी स्तर को शाश्वत बनाये बिना इजरायल के लिये उपयोगी संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी के तत्वों को बनाये रखा जा सकता है ?
ऐसा हो सकता है परंतु इसके लिये संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी की सामाजिक सेवा की भूमिका और इसकी अधिक शरणार्थी बनाने की भूमिका में अंतर करना होगा। प्रपौत्र को शरणार्थी के रूप में पंजीकृत किये बिना भी इस संस्था का सेक्सन III.A .2 तथा सेक्सन III.BConsolidated Eligibility & Registration Instructions के अंतर्गत फिलीस्तीनियों को सामाजिक सेवा प्रदान करने की अनुमति देता है और वह भी उन्हें बिना शरणार्थी का दर्जा दिये । यह व्यवस्था पहले से पश्चिमी तट में लागू है जहाँ कि 17 प्रतिशत फिलीस्तीनी जनवरी2012 में संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी के साथ पंजीकृत होकर इसकी सेवायें ले रहे हैं लेकिन उनका स्तर शरणार्थी का नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी ने महासभा के समक्ष जो रिपोर्ट दी है उसमें स्वाभाविक रूप से इजरायल विरोधी बहुमत होने के चलते इस संस्था में कोई परिवर्तन असम्भव दिखता है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी के प्रमुख दानदाता जिसका आरम्भ अमेरिकी सरकार से होता है कि वे इस संस्था द्वारा शरणार्थी स्तर को शाश्वत बनाने के प्रयास से स्वयं को बचायें।
वाशिंगटन को संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी को समाज सेवा के यंत्र के रूप में ही देखना चाहिये इससे अधिक कुछ नहीं। इसे इस बात पर जोर देना चाहिये कि संयुक्त राष्ट्र संघ सहायता और कार्य एजेंसी के वे लाभार्थी जो कि कभी अपने स्थान से अलग नहीं किये गये या जिन्हें अन्य देश में नागरिकता मिल चुकी है वे यद्यपि इस संस्था की सेवायें लेने के पात्र हैं परंतु वे शरणार्थी नहीं हैं। इस अंतर को स्थापित करने से अरब इजरायल सम्बंधों की एक बडी उलझन कम हो पायेगी।
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13 जुल॰ 2012

Abhas Joshi & his Brother Shreyash Joshi


Shreyas Joshi, Abhas Joshi

Name  :-Abhas Joshi
Date of birth :- 29/03/1990 Jabalpur
Father :- Ravindra Joshi
Mother :- Abha Joshi
Field   :- Music : Singer/composer/actor
education :-School :: Christ Church Boys Jabalpur
University : Mumbai (BA)
Awards :-Madhjya Pradesh Gaurav
          Narmadiya Bal Gaurav
          Jagjit Chitra Munch Award
          Sanskardhani Gaurav
          Juri award in VOI star plus in 2007-08

TV performances  singer -winer of sa re ga ma(zee tv) in 2004 children spl
                           2nd runner up voice of india starplus
                           2nd runner up in Junoon ndtv imagin in 2008
                           2nd runer up Music ka maha muqabla star plus
                           with shreya ghoshal in 2009
                         
                  as host:-Chhote Ustaad star plus 2008 season 1
                           Chhote ustaad star plus 2010 season 2
                           Bharat ki shan dd1

                 as actor :-8 episodes of comedy circus

play back :- naughty at forty,
            standby,
            background vocals in veer
acting in film:-aaj phir jeene ki tamanna hai with shatrughn sinha and rekha
              yet to be released.
albums :-aaya dwar tumhare with shreyas joshi in 2003
          Baware-Fakira with Sndipa Pare,Shreyas joshi in 2008
stage stage shows :-almost all major cities if India with prominent band members
overseas stage shows:-hongkong, bangkock, pakistan, srilanka, neazealand, singapore
                        indonasia, dubai etc.
Name :              Shreyas Joshi
date of birth ::    25/07/1986
Father :             Ravindra Joshi
Mother:             Abha Joshi
Place of birth     Jabalpur MP
Place of work     Mumbai
Field                 Music director/composer/arranger/singer
education    :     School : Christ Church Boys Jabalpur
                        College : GS Comm College Jabalpur
Albums :       (1)     Aaya Dwar Tumhare in 2003 Singer Abhas Joshi
                        released by Arvind Sangeet Nilay, Jabalpur
                (2)     Baware Fakeera (Sai Bhajan) Singers Abhas Joshi and
                        Sandeepa Pare, Produced by Girish Billore, Jabalpur
Stage Performances : Almost all major cities of India and
                        overseas at Newzealand, Dubai, Singapore, Bangkock

                        Associated with Star Pravah for promo music of
                        various marathi serials
                         Music direction of many jingles .

11 जुल॰ 2012

आरम्भिक इस्लाम को खोजना : डैनियल पाइप्स