tag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post1541625773328455038..comments2024-03-04T16:12:52.959+05:30Comments on The Partnership : for the protection of human rights in Balochistan and Sindhudesh: प्रतिचिन्तन .बाल भवन जबलपुर http://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-74483328132277830212009-05-28T15:23:43.264+05:302009-05-28T15:23:43.264+05:30आपके भीतर वैज्ञानिक विचारधारा बह रही है। यह देखकर ...आपके भीतर वैज्ञानिक विचारधारा बह रही है। यह देखकर प्रसन्नता हुई।<br /><A HREF="http://alizakir.blogspot.com/" REL="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</A> <br /><A HREF="http://tasliim.blogspot.com/" REL="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </A><A HREF="http://sciblogindia.blogspot.com/" REL="nofollow">& SBAI }</A>adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-9409709591584464942009-05-27T17:19:38.180+05:302009-05-27T17:19:38.180+05:30संवेदना संसार: में लिंक उपलब्ध है
आपका चिंतन प्रभा...संवेदना संसार: में लिंक उपलब्ध है<br />आपका चिंतन प्रभावी है संतुलित <br />आलेखन आपकी विशेषता है <br />आभारबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-90838336599618160862009-05-27T16:56:29.279+05:302009-05-27T16:56:29.279+05:30आपके इस प्रतिचिन्तन हेतु आभारी हूँ....यदि आपने लिं...आपके इस प्रतिचिन्तन हेतु आभारी हूँ....यदि आपने लिंक दे दिया होता तो और भी अच्छा रहता क्योंकि संयोगवश ही ब्लोग्वानी देखते समय इसपर नजर पडी.अन्यथा मैं आपके महत विचारों से अनभिग्य रहती.<br /><br />आपने बड़ा ही अच्छा लिखा है...धार्मिक कर्मकांडों के निष्पादन कर्ताओं ने जिस प्रकार से इन्हें विकृत और भारी बनाया है,यही कारण है कि लोग इससे बचना भागना चाहते हैं..अन्यथा इनमे निहित वैज्ञानिक दृष्टिकोण बड़े ही जीवनोपयोगी एवं महत्वपूर्ण हैं...<br />मैं तो ज्यों ज्यों इनके तहों में जाती हूँ,अचंभित होती हूँ देखकर कि इनके प्रवर्ताओं के सोच और दूरदृष्टि कितनी बड़ी रही होगी.<br /><br />सदियों के दमन के उपरांत भी इसके कल्याणकारी गुणों के कारण ही ये आज भी जीवित हैं....<br /><br />समय आ गया है कि हमें इनके पुनरुत्थान एवं प्रतिष्ठा स्थापन के लिए आगे बढ़ना चाहिए..,.<br /><br />एक बार पुनः आपका बहुत बहुत आभार.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-56924923654120788272009-05-27T07:49:37.340+05:302009-05-27T07:49:37.340+05:30कर्मकाण्ड के पीछे लॉजिक है..धर्म का नाम तो पालन कर...कर्मकाण्ड के पीछे लॉजिक है..धर्म का नाम तो पालन करवाने के लिए दिया गया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com