tag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post1589839352920086702..comments2024-03-04T16:12:52.959+05:30Comments on The Partnership : for the protection of human rights in Balochistan and Sindhudesh: ज़टिल और कुंठित पोस्ट से ब्लाग अरुचिकर हो जाते हैंबाल भवन जबलपुर http://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-46881115750013299282010-05-25T22:14:27.504+05:302010-05-25T22:14:27.504+05:30पोस्ट का डायरेक्शन बरोबर माफ़िक है,
समापन और उपसँहा...<i><br />पोस्ट का डायरेक्शन बरोबर माफ़िक है,<br />समापन और उपसँहार की प्रतीक्षा में..<br />टिप्पणी लम्बित है !<br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-72764847655346390732010-05-25T19:53:20.628+05:302010-05-25T19:53:20.628+05:30बिल्कुल सटीक बात ।बिल्कुल सटीक बात ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-52628608305725580722010-05-25T18:09:45.950+05:302010-05-25T18:09:45.950+05:30ek saarthak post....
kunwar ji,ek saarthak post....<br /><br />kunwar ji,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-25483825858839779722010-05-25T10:40:42.299+05:302010-05-25T10:40:42.299+05:30मै आपकी पोस्ट सहमत हूँ, आज कल एक ही विषय पर लोग भ...मै आपकी पोस्ट सहमत हूँ, आज कल एक ही विषय पर लोग भ्रमक लिख कर क्या सिद्ध करना चाहते है यह समझ से परे है। ब्लाग विधा की सकारत्मकता को हमे देखना चाहिये न कि उसी कमी हो और यदि कमी हो भी तो भी हमें उसी अपना मान सज्जनता से दूर करने का प्रयास हो। <br /><br />लेखन ऐसा हो जिससे आपके लेखन के कारण आपकी पहचान बने, सही विषय चुना आपने आज इसी की जरूरत थी।Pramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-4369262504773332022010-05-25T10:00:30.999+05:302010-05-25T10:00:30.999+05:30प्रत्येक व्यक्ति के पास कुछ ना कुछ विशेष जानकारी अ...प्रत्येक व्यक्ति के पास कुछ ना कुछ विशेष जानकारी अवश्य ही होती है जैसे कि पाबला जी तकनीक के विशेषज्ञ हैं तो ललित जी ग्राफिक्स के, कोई फोटोग्राफी का धुरन्धर होता है तो किसी के पास फिल्मों के विषय में नायाब जानकारी रहती है।<br /><br />यदि हम ब्लोगर्स अपने पोस्ट में इस प्रकार की जानकारी दें तो ऐसा कोई भी कारण नजर नहीं आता कि हिन्दी ब्लोग्स को पढ़ने के लिये पाठक ना आयें।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-60809794305992362952010-05-25T09:32:46.521+05:302010-05-25T09:32:46.521+05:30दादा कैसे हैं?
गर्मी का दिन है आईस्क्रीम खाइए
ठंडा...दादा कैसे हैं?<br />गर्मी का दिन है आईस्क्रीम खाइए<br />ठंडा लगेगा.ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-58133496163032692812010-05-25T08:27:24.559+05:302010-05-25T08:27:24.559+05:30ब्लॉग हमारे समाज जैसा ही है जहां सब तरह के लोग हैं...ब्लॉग हमारे समाज जैसा ही है जहां सब तरह के लोग हैं जहां सब जानते हुए भी आपको उनके बीच ही रहने की आदत डालनी होगी। सबके लिए एक समान नियम बनाने या अपनी परिभाषा के अनुसार सही-गलत तय करने की कोई भी कोशिश नाकाम होगी। यह सोचना भी भ्रम ही है कि सबको स्तरीय या साहित्यिक चीजें ही पसंद आती हैं। सबको अपनी-अपनी करने देना चाहिए ताकि पाठक स्वयं कुछ को चलता होने पर मज़बूर कर दें क्योंकि हर चीज की एक सीमा होती है।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-36461449104146743922010-05-25T07:43:30.764+05:302010-05-25T07:43:30.764+05:30बिलकुल सही सोच है, पर इधर देखने में आ रहा है कि कु...बिलकुल सही सोच है, पर इधर देखने में आ रहा है कि कुछ लोग केवल सस्ती लोकप्रियता (ज्यादा कमेंट्स, ज्यादा हिट) पाने के लिए कुछ भी अनाप शनाप या फिर सनसनीखेज लिखते रहते हैं, जिसमें पढने लायक तो कुछ नहीं होता है बस पोस्ट का शीर्षक बड़ा आकर्षक होता है !Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-32532427313254271602010-05-25T07:17:30.385+05:302010-05-25T07:17:30.385+05:30सही दिशा में चिन्तन है..जारी रहिये.सही दिशा में चिन्तन है..जारी रहिये.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-2701671679040135182010-05-25T04:57:55.757+05:302010-05-25T04:57:55.757+05:30विवादास्पद पोस्टों की प्रवृत्ति तेजी से उभर रही है...विवादास्पद पोस्टों की प्रवृत्ति तेजी से उभर रही है. सस्ती लोकप्रियता एक खास वर्ग को आकर्षित करती है पर उसे भी लम्बे समय तक नहीं. लेखन का आकर्षण जरूरी है.<br />विषयो की कमी नहीं है.<br />किसी ने कहा भी है :<br />आज के लेखको की समस्या <br />यह नहीं कि<br />कमी है विषयों की <br />वरन <br />उसका आधिक्य ही <br />उसे सताता है<br />और वह ठीक से चुनाव <br />नहीं कर पाता हैM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-15516677500309954482010-05-24T18:16:14.483+05:302010-05-24T18:16:14.483+05:30आपका सुझाव सीमित रूप में लागू है। अगली कड़ी में शाय...आपका सुझाव सीमित रूप में लागू है। अगली कड़ी में शायद कुछ और पते की बात मिले, मगर इस बारे में तो यही कहना पड़ता है कि जो हिन्दी की सेवा, या पत्रकारिता के एक अन्य माध्यम के रूप में ब्लॉगरी को ले रहे हों, उनके लिए तो यह बात पूरी तरह सही है। बहुत से लोग ब्लॉग लिखने को न आत्ममुग्धता-आत्मप्रशंसा मानते हैं और न ही ऐसा अभिव्यक्ति का माध्यम जो उन्हें दमित अभिव्यक्ति की इच्छाओं को पूरा करने के काम आए, निरंकुश। बहुधा तो लोग शौकिया ही हाथ आज़माने चले आते हैं। अन्य भी बहुत से कारण होते हैं ब्लॉग लेखन के।<br />उनके लिए यह सुझाव पूरी तरह लागू नहीं होता है। इस सुझाव के लागू कर लेने से भी पाठकों में बहुत अन्तर नहीं पड़ने वाला। सिवाय ब्लॉग लेखकों के कम ही शुद्ध पाठक आते हैं ब्लॉग पढ़ने। <br />ज़्यादातर लोग जो ब्लॉग सिर्फ़ पढ़ते हैं वे अन्य सामाजिक नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से ही आते हैं, और उतना ही पढ़कर कौट जाते हैं जो उन्हें यहाँ खींचकर लाया होता है।<br />जब तक यहाँ ऐसा मौलिक लेखन नहीं होता जो अन्यत्र उपलब्ध न हो, शुद्ध पाठकों की अपेक्षा बेमानी ही है।Himanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-64128103803908462602010-05-23T22:56:27.432+05:302010-05-23T22:56:27.432+05:30आपके विचारों से सहमत हूं अगली किश्त की प्रतीक्षा।आपके विचारों से सहमत हूं अगली किश्त की प्रतीक्षा।प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-58640254340007794062010-05-23T22:48:52.958+05:302010-05-23T22:48:52.958+05:30सहमत है जी आप के लेख सेसहमत है जी आप के लेख सेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7321728027111115351.post-1275434675073714562010-05-23T20:06:05.230+05:302010-05-23T20:06:05.230+05:30यह तो एकदम सही बात है कि अगर कोई नया पाठक ब्लॉग पर...यह तो एकदम सही बात है कि अगर कोई नया पाठक ब्लॉग पर आए और उसे ब्लॉगजगत पे लफड़े झगड़े से संबंधित पोस्ट पढ़ने मिले तो फिर लौट कर क्यों आएगा वह।<br />आपके विचारों से सहमत हूं अगली किश्त की प्रतीक्षा।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.com