12 नव॰ 2009

जबलपुर-ब्रिगेड का सम्मान स्वीकारिये चर्चा कार -मंडल

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imageimage तुषार जोशीअभय तिवारी
imageसंजय बेंगाणी imageराकेश खंडेलवाल
अतुल अरोरा तरुणमनीष कुमाररचना बजाज सपरिवारimage
आशीष श्रीवास्तवसागर चंद्र नाहर कविता वाचक्नवीimage
imageimageमसिजीवी
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विवेक सिंह अनूप शुक्ल
  जीतेन्द्र चौधरी, समीरलाल,आलोक कुमार ,सृजन शिल्पी,रविरतलामी, विपुल जैन, तुषार जोशी, अभय तिवारी, पंकज बेंगाणी, संजय बेंगाणी, देबाशीष, राकेश खण्डेलवाल, अतुल अरोरा, तरुण, मनीष कुमार, रचना बजाज , आशीष श्रीवास्तव, सागर चन्द नाहर, कविता वाचक्नवी, सुजाता, मीनाक्षी, नीलिमा,मसिजीवीसंजय तिवारी, रमन कौल, शिवकुमार मिश्र, कुश, विवेक सिंह और अनूप शुक्लगिरिराज जोशी (जिनकी तस्वीर नहीं मिली )सभी के लिए साधू-साधू कहना ज़रूरी है .
पांच वर्षों से मुसलसल जारी इस कार्य को सराहना होगा. विभिन्न प्रकार के ब्लाग्स की  एक स्थान पर चर्चा कर मंडली  ने हिन्दी चिट्ठाकारिता को संकलकों की तरह ही मदद दी है. इसे नकारना ठीक न होगा. 
किन्तु आज कल कुछ कम ही लोग लिख रहे हैं हो सकता है कि उनकी अपनी विवशताएँ हो किन्तु इस बात का अर्थ ये न हो कि ये एक जुट नहीं है. मैंने पिछले 5 वर्षों की पुरानी चर्चाएँ देखीं कहीं येसा लगा नहीं कि अपने समूह की ही चर्चा की हो किन्तु पिछले कुछ दिनों से चर्चा मंडली पर आरोप भी लग रहा है कि कुछ चुनिन्दा चित्ते ही शामिल किए जा रहे है. किन्तु मेरा मत है कि "यह श्रम साध्य कार्य है एक व्यक्ति कितने चिट्ठों को बांच सकता है जो हो रहा है भले ही कम है किन्तु बुरा या तीखी आलोचना का विषय कदापि नहीं ."
  •    फिर भी मंडली पर  दृष्टिकोण व्यापक होने का आरोप लगाया गया  मित्रों शिकायत कर्ता पुराने सन्दर्भों को देखें तो पता चलेगा कि मंडली की सोच . व्यापक है भी पिछले दिनों नए चिट्ठाकारों  पर एक प्रभावी चर्चा देखी तो यह आरोप  खारिज करने योग्य है . 
२००५ से जारी इस सार्थक सफ़र में शामिल सभी को जबलपुर ब्रिगेड का साधुवाद  
(फोटो  साभारएवं लिंक  :फुरसतिया  जी)

10 टिप्‍पणियां:

  1. इस सार्थक सफ़र में शामिल सभी को साधुवाद .........

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  2. जबलपुर के साथियों को हमारा शुक्रिया।

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  3. आप सभी सुधि जनों का आभार
    कि आप बरसों से एक पाज़िटिव काम में
    लगें हैं चर्चा मंडली की सोच सदा और अधिक
    धनात्मक हो ईश्वर से प्रार्थी है जबलपुर-ब्रिगेड

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  4. मुकुल जी!
    आपके इस प्रयास का अभिनन्दन. आपने सभी महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षरों को एक स्थान पर एकत्र के सराहनीय कार्य किया है. साधुवाद.

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  5. आपने वाजिब बात कही मुकुल भाई। चिट्ठाचर्चा ने आज तक जो काम किया है वह क़ाबिले-तारीफ़ है। एक पोस्ट ही दर्ज करना तो कितनी मेहनत का काम है फिर तो यह एक अहम विश्लेषण है। चिट्ठाचर्चा के समस्त चर्चाकार इसके लिए धन्यवाद के पात्र हैं। अनूप जी के लिए सादर प्रणाम और भाई विवेकसिंह के लिए स्नेह सहित आपका बहुत बहुत आभार।

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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!