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"१७ वर्षीय आभास खुद को संगीत की साधना में लगाए रखा ज़ी० टी ० वी ० लिटिल चैम्पियन बनने
के बाद.... उसे सच कर दिखानी थी नेपाली लड़कों की, जिन्होंने 5 वर्ष की उम्र में aato grapf उससे कहा था:- "तुम पक्का नामी सिंगर बनोगे हमें यकीन है..हम दुनियां को बताएँगे हमने तो इनको बचपन में ही
सुना ख़ूब सुना सामने बैठ के सुना...!"---------कौन जाने ये ब्लॉग वो नेपाल में बैठे देख रहे हों.। आपमें से कोई हो तो मुझे मेल कीजिये........रविन्द्र जोशी {आभास के पापा}..... नहीं हम सब उन भविष्य वक्ताओं का आभार व्यक्त तो करना है...!
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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!