मशहूर ब्लॉगर श्री समीर लाल जी से हुई बात चीत में ब्लागिंग को लेकर हुई चर्चा का पहला एपीसोड सादर प्रस्तुत है.समीर लाल जी का मत है कि हिंदी ब्लागिंग अपने उच्च मुकाम पर पहुंचेगी ये तयशुदा बात है .
समीर लाल जी से हुई बात चीत सुनिए नीचे और संवाद एवं विमर्श पर भी
मयकदा पास हैं पर बंदिश हैं ही कुछ ऐसी ..... मयकश बादशा है और हम सब दिलजले हैं !!
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समीर जी और आपकी ये बात चीत बहुत अच्छी लगी .. आपके मध्य ब्लागिंग के बारे में बहुत अच्छी चर्चा हुई .. दो चार दिनों में मैं फिर से अधिक से अधिक ब्लोगों पर टिप्पणियां शुरू करना सोंच रही हूं .. दूसरी बैकअप वाली जानकारी भी मुझे बहुत अच्छी लगी .. मेरे बहुत सारे लेख की मैने अपने पास कोई कॉपी नहीं रखी है .. जल्द ही बैकअप रख लेती हूं !!
जवाब देंहटाएंसंगीता जी
जवाब देंहटाएंआपका आना महत्वपूर्ण है
शुभ कामनाएं
Girish Billore
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसमीर भैया ने शुरूआती दौर में हमारे साथ ब्लागिंग शुरू की और नियमित लेखन, पठन-पाठन और टीपांकन करते आए हैं। कई साथियों का हौसला बढ़ाया। अपनी रचनाओं से हमें कई बार गुदगुदाया और कभी रुलाया भी है। ऐसा इसलिए नहीं कि इन्हें मैं कोई लाइफ़टाइम एचीवमेंट अवार्ड देना चाहता हूं। वे पितामह लगते हैं।
जवाब देंहटाएंनिःसंदेह बेहतरीन शख़्सियत और क़लम के धनी है समीर लाल।
बातचीत रोचक लगी। हिन्दी ब्लागिंग के शुरूआती दिनों की यादें ताज़ा हो गईं।
प्रस्तुतकर्ता गिरीश बिल्लौरे जी को हार्दिक धन्यवाद.
अच्छी लगी बातचीत!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा यहां पर बातचीत सुनना. समीरजी ने जितना समय और मेहनत हिंदी ब्लागिंग के लिये की है उतना किसी और द्वारा किया जाना असंभव लगता है.
जवाब देंहटाएंउडनतश्तरी अपने आप मे एक स्कूल है और हम उसी स्कूल के पास आऊट स्टुडेंट हैं.
रामराम.
आज अपने आदरणीय गुरूजी से मिलकर बहत अच्छा लगा... अभी बातचीत सुन रहे हैं....
जवाब देंहटाएंयाहू ग्रुप के बारे में भी जान कर अच्छा लगा...
जवाब देंहटाएंअच्छा! उस वक़्त सिर्फ १०४ ही लोग थे....?
जवाब देंहटाएंVery surprising.... आदरणीय गुरूजी....
जवाब देंहटाएंहाँ! इंग्लिश में तो अनगिनत हैं....
जवाब देंहटाएंलेकिन चाइना सिर्फ अपने ही देश में पोपुलर है....
जवाब देंहटाएंहाँ! सब कुछ बाज़ार पर ही डिपेंड है...
जवाब देंहटाएंसमीर जी को इस तरह जानना बहुत ही अच्छा लगा. भारत ब्रिगेड का धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंपर्यावरण.... पर तो बहुत ही ज़रूरी है....
जवाब देंहटाएंगुरु जी ने सही कहा.... हम तो अभी पांचवीं /छठी तक भी नहीं पहुंचे हैं....
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने....अभी primary स्कूल ही मान कर चलें....
जवाब देंहटाएंसच कहा आपने गुरूजी .... छिद्रान्वेषी लोग छिद्र खोज ही निकालेंगे...
जवाब देंहटाएंहाँ ! आरोप ...सुझाव ही होते हैं......
जवाब देंहटाएंठीक कहा आपने ..बुराई तो निकल ही आती है....
जवाब देंहटाएंjee.... गुरु जी के देश प्रेम को मैं भी सैल्यूट करता हूँ...
जवाब देंहटाएंहां! आभास को भी देख कर अच्छा लगा था...
जवाब देंहटाएंपूरी वार्ता सुनी और बहुत ही रोचकता से परिपुर्ण और शिक्षाप्रद है. चमेली के फ़ूल का उदाहरण पसंद आया, वाकई बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंरामराम
ओह! अमिताभ जी लाइन पर आ गए हैं.... होल्ड पर हैं अभी....
जवाब देंहटाएंअभी थोड़ी शान्ति छाई है....लगता है अभी होल्ड पर हैं....
जवाब देंहटाएंहाँ हाँ! नए सिरे से शुरू करिए...
जवाब देंहटाएंमेरा भी नमस्कार कहिये अमिताभ जी से....
जवाब देंहटाएंवार्ता बहुत ही रोचक लगी.
जवाब देंहटाएंअरे महफ़ूज अंकल नाम्स्ते...ये क्या रनिंग कमेंट्री चल रही है?:) बहुत दिनों बाद दिखे?
जवाब देंहटाएंएक मिनट... मेरा एक फोन आया है.... पौज़ पर लगा दिया है....
जवाब देंहटाएंअरे! मकरंद ...आजकल टाइम ही नहीं मिल पा रहा है.... कल रामप्यारी भी नाराज़ हो रही थी....
जवाब देंहटाएंयह फोन को भी इसी वक़्त आना था...
जवाब देंहटाएंवाह आज पहली बार ये पोडकास्ट सुना, समीर जी की आवाज सुन कर और पूरी वार्ता सुनकर बहुत कुछ मालूम चलता है कि ब्लागिंग का इतिहास क्या है?
जवाब देंहटाएंगिरीश भाई आपका ये नया प्रयोग बहुत ही अनूठा है और निश्चित रूप से आने वाले समय में ये एक ऐतिहासिक कदम साबित होने जा रहा है , समीर जी का साक्षात्कार बहुत ही श्रवणीय और संग्रहणीय लगी , बहुत ही बढिया अंक रहा
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
हाँ! फोन कट गया.... अब आगे बातचीत सुनते हैं....
जवाब देंहटाएंहां बैक अप बहुत ज़रूरी है...
जवाब देंहटाएंअच्छा! मैं भी अब वर्ड पैड पर लिखूंगा....
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा... पता नहीं लोग क्यूँ नराजगी पालते हैं... छोटे कमेन्ट पर....
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा हा .....सीचना तो पड़ेगा ही फूलों को.....
जवाब देंहटाएंजी...हर आदमी मोटी चमड़ी का नहीं है....
जवाब देंहटाएंजी...प्रोत्साहन बहुत ज़रूरी है.... मैं आप ही के पद चिन्हों पर चल रहा हूँ.... गुरूजी...
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही...कहा आपने...मामला खुन्नस का ही है...
जवाब देंहटाएंह्म्म्म हम्म हम्म....सही कह रहे हैं आप...
जवाब देंहटाएंओह ! पेज रिफ्रेश हो गया...
जवाब देंहटाएंजी,... हिंदी के फैलाव से ही हिंदी को विज्ञापन मिलेगा....
जवाब देंहटाएंजी...रीडरशिप बढ़ाना ज़रूरी है...
जवाब देंहटाएंजी...अगर आर्थिक लाभ मिले तो फुल टाइम किया ही जा सकता है...
जवाब देंहटाएंहाँ! टी.वी. पे वो विज्ञापन देख रहे हैं कि बाघ बचाइए ... इसके लिए ब्लॉग लिखिए..
जवाब देंहटाएंविदेशों में ब्लॉग की स्तिथि जानकर अच्छा लगा...
जवाब देंहटाएं...जी...प्रिंट मीडिया का ही है... सही कहा आपने....
जवाब देंहटाएंजी ...हर घर में हो जातीं हैं...
जवाब देंहटाएंअरे! चिन्मय को ढेर सारा प्यार....
जवाब देंहटाएंजी जी.... सिमित ही था उस वक़्त...
जवाब देंहटाएंअरे वाह! डेढ़ लाख लोगों का.....
बहुत बहुत बधाई...
जी...मैं भी दो चार बार नहीं लिख पाता हूँ.... कंटेंट का ख्याल तो करना ही पड़ता है.... और आजकल तो टाइम की कमी बहुत हो रही है...
जवाब देंहटाएंहां! ट्रैफिक में उतार चढ़ाव तो पोस्ट के आने पर ही होता है....
जवाब देंहटाएंजी ...जबलपुर का पानी ही बहुत अच्छा है...
जवाब देंहटाएंजी.... सेम्लानी जी को भी मेरा नमस्कार कहियेगा...
जवाब देंहटाएंअरे! आप मार्च में नहीं आ पाएंगे....? मैं यहाँ पूरी तैय्यारी कर के रखा हुआ हूँ.... प्लीज़ आ जाइये ...
जवाब देंहटाएंपर गुरु जी ...दिवाली बहुत दूर है...
जवाब देंहटाएंजी मैं भी आपकी प्रतीक्षा कर रहा हूँ....
जवाब देंहटाएंजी... नमस्कार.... शुभ रात्रि....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी यह बातचीत....
जवाब देंहटाएंगुरु जी को सादर प्रणाम ....
आपका
महफूज़....
महफूज़ जी तो पूरे सक्षात्कार में साथ साथ कमेंट करते रहे हैं, यह बड़ा अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंSazab mahfooz bhai
जवाब देंहटाएंअच्छी लगी बातचीत!
जवाब देंहटाएंIt is a great honour ,indeed, to hear Sameer bhai speak on the subject of contemporary blogging. Sameer bhai is a real 'hardil azeez' personality in our blogosphere and i salute his endeavours and hard work for the cause of Hindi blogging.
जवाब देंहटाएंI also thank u Gireesh ji for making it happen.
जवाब देंहटाएंवाह वाह मुकुल भाई क्या कहना! इस पॉडकास्ट इंटरव्यू का, कोई जवाब नहीं भाई। समीरलाल जी से आपका यह वार्तालाप अपने आप में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बहुत सी ऐसी बातें कहीं जो हिंदी ब्लॉगर्स के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। यहाँ भविष्य की बहुत सी संभावनाओं की बात की गई है, जो हमें प्रेरित भी करती है और सतर्क भी। आपका बहुत बहुत आभार इस रोचक और बेहतरीन साक्षात्कार के लिए।
जवाब देंहटाएंShukriya bawal
जवाब देंहटाएंJai ho
जवाब देंहटाएंpahchana mujhe
बम्पर प्रस्तुति, इससे अच्छा कुछ और हो ही नही सकता।
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