15 अग॰ 2007

"आज़ादी की 60वी वर्ष गाँठ की शुभ कामनाएँ "


मैं नंबर एक हूँ
आज़ादी के मायनें बदलने की ज़ुर्रत करने वालों
समझो ये वतन वो वतन है जहाँ ईश्वर ने जन्म लिया बाक़ी दुनियाँ ने तो केवल
उसकी अनुभूति ही पाई है...इस सरज़मीं पे ईश्वर हर पल जन्म लेता है तभी तो
इसकी सरहदें सरहद की उस परिभाषा की सरहदें नहीं हैं जो किसी वतन के
मानचित्र को एक आकार देतीं हैं!ये वतन वो वतन है जो हर हिंदुस्तानी के दिल
मे है... आप देखना चाहतें हैं देख सकते हैं हर हिंदुस्तानी के कलेजे चीर के....





रुकिये किसी और के कलेजे को चीरने की ज़रूरत नहीं मेरा कलेजा हाज़िर है
आप चाहें तो मुझे हर बात में सबसे पीछे रख दीजिए जब इस वतन के लिए
क़ुर्बानी की ज़रूरत हो मुझे याद कर लीजिए.... मैं नंबर वन ही रहूँगा क्योंकि
मैं नंबर एक हूँ

1 टिप्पणी:

  1. गीरिश जी, आपको भी बहुत बधाई और हार्दिक अभिनन्दन एक जबलपुरिया द्वारा कनाडा से,

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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!