मयकदा पास हैं पर बंदिश हैं ही कुछ ऐसी .....
मयकश बादशा है और हम सब दिलजले हैं !!
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30 अग॰ 2007
अमिताभ जीं ने क्या ब्लॉग लिखा है....?
अमिताभ जी के ब्लॉग को देख के हैरानी हुई । ब्लॉगर के बीच अगर अमित जीं आये हैं तो सुखद घटना है ...... और अगर कोई और उनके नाम पे ब्लागिंग कर रहा है तो शर्मनाक बात है.....! ऐसे ब्लाग्स के जानकार कृपया लिंक भेजने की कृपा कीजिये
कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता ! आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !! बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से ! दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के ! सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!
सहमत हूँ मैं आपसे
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