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28 अग॰ 2007

amool वी ओ आई

http://www.hindu.com/mp/2007/08/04/stories/2007080451500600.htm
गोविंदा को नचाना उस दिन आसान न था आभास के लिए

अगरचे आभास की प्रतिभा के कायल ना होते गोविंदा तो

वे मंच पर न आते।

आभास पक्का सितारा है इसमे कोई दो राय हों ही नहीं

सकती । जबलपुर का ये बच्चा अपने टेलेंट के बूते अमित जीं

सुमित जीं को भौंचक करेगा मुझे तो इसका अंदाज़ न था। मेरी

दुआएं सदा उन सभी कलाकारों के साथ हैं जो कला के लिए जीं जान

एक कर देते हैं....!

मुझे मिरान्दे प्रियानी प्रान्तिक अभिलाषा भी बेहद पसंद हैं आपको

भी ये अच्छे और सुरीले लगते ही होंगे ......?

तोषी, इरफान को कौन भूलेगा इष्मीत हर्षित अर्शप्रीत, सभी तो सितारे हैं...

सभी के "माता -पिता" आदर के पात्र हैं.......?

साधुवाद ! बधाई...! जो आप इनके माता-पिता हैं...!

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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!

कितना असरदार

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