ब्लागिंग को ऐसो नशा हों गए लबरा मौन !
ब्लॉगर बीवी से कहें हम आपके कौन ....?
मिली पुरानी प्रेमिका दो बच्चों के साथ
मामा कह परिचय मिला,मन हों गया उदास ।
कबिरा चुगली चाकरी चलती संगै-साथ
चुगली बिन ये चाकरी ,ज्यों बिन घी का भात ।
अफसर करे न चाकरी ,बाबू करे न काम
पेपर आगे तब चलै जब पहुंचे पूरे दाम .
कहत मुकुल संसार में भाँती-भाँती के लोग
कछु तो पिटबे जोग हैं कछु अब्हई पिटबे जोग ।
दोहे दुविधा दे रहे ,गीत दे रहे कष्ट
पद्य वसंती क्या गढ़ू मौसम ही है भ्रष्ट ।
very nice and humorous kavithayen
जवाब देंहटाएंKeep going
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