31 जुल॰ 2008

इश्मीत तुम्हारे साथ भारत के सपने गोता खा गए


सुना है कि पानी से डरते थे इश्मित भैया.....?
मम्मी,भगवान ने इश्मीत को किस बात की सज़ा दी ...?
पापा.....क्या भगवान का दिल इतना कठोर होता है....!
पापा अब कोई सपना किसी को लेकर मत देखना । सपने पूरे नहीं होते ।
मेरी बेटियों,भतीजियों ने खूब सवाल किए हमसे,पिछले साल इन्हीं बेटियों ने आभास के अलावा सभी भाइयों के लिए राखी भेजी थी।

इन संबंधों को कौन बनाता है

जो अपने पीछे छोड़ देतें हैं

इतने सवाल

मेरे पास केवल यही उत्तर था

"ॐ पूर्ण मिदं पूर्ण मिदा पूर्णात पूर्ण मुदच्यते पूर्णस्य पूर्ण मादाय: पूर्णमेवाहा: वशिस्य ते: !!"

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपने बहुत ही अच्‍छे तरीके से इश्‍मीत को सच्‍ची श्रृद्वांजलि दी है
    भगवान उनकी आत्‍मा को शांति दे और उनके घरवालों को इस असहनीय दुख को सहने की क्षमता प्रदान करे

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  2. श्रृद्वांजलि. भगवान उनकी आत्‍मा को शांति दे.

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  3. भगवान इश्मीत की आत्मा को शांति दे, हमने सचमुच एक प्रतिभाशाली और आशास्पद गायक खो दिया।
    बहुत दुखद: हुआ।

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  4. इश्मीत चला गया,
    डूब गई आवाज़,
    पर रहेगा दिल में हमारे
    उसके यादों का संसार।।
    श्रद्धाजलि,भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।

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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!