सुंदर मुखड़ा देख के पूछें रूपा कौन मन ही मन मुस्काए हम मूरत से हो मौन हम मूरत से हो मौन पता क्यों इनको देवें प्रिय सी छवि जो दिल बसी उसे क्यों खोवें कहत मुकुल कविराय छुपाना भी मुश्किल है मानो ये इक माडल जिसपे आया दिल है मुदगिल भैया लगे रूपा के स्वाद बखाने उम्र लिफाफा खोल समीर भी मुस्काने राज भाई भी राज को राज न रहने देंगे मेरे मुंह से सत्य उगलवा ही लेंगे ...! पर हम भी हैं ढीठ सच न बोलेगें सुंदर राज़ सामने सबके क्यों खोलेंगे
कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता ! आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !! बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से ! दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के ! सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!
वाह! वाह!
जवाब देंहटाएंहा हा...वैसे किसको चिपकाई दिए
जवाब देंहटाएंबात में दम तो है। सस्नेह
जवाब देंहटाएंबालकिशनजी की
जवाब देंहटाएंवाह! वाह!
नीतिश राज
की चिंता
शोभा का
सस्नेह
सब कुछ शिरोधार्य
साबका आभार
मुस्करा तो हम भी दिये. :)
जवाब देंहटाएंसमीर जी
जवाब देंहटाएंकोई पुरानी जान पहचान तो नहीं
इस माडल से
मुकुल जी, धार में ना बहो,
जवाब देंहटाएंसीधे-सीधे कहो..
खट्टी मीठी टमाटर के सूप सी..
कौन है ये रूपसी ?
सुंदर मुखड़ा देख के पूछें रूपा कौन
जवाब देंहटाएंमन ही मन मुस्काए हम मूरत से हो मौन
हम मूरत से हो मौन पता क्यों इनको देवें
प्रिय सी छवि जो दिल बसी उसे क्यों खोवें
कहत मुकुल कविराय छुपाना भी मुश्किल है
मानो ये इक माडल जिसपे आया दिल है
मुदगिल भैया लगे रूपा के स्वाद बखाने
उम्र लिफाफा खोल समीर भी मुस्काने
राज भाई भी राज को राज न रहने देंगे
मेरे मुंह से सत्य उगलवा ही लेंगे ...!
पर हम भी हैं ढीठ सच न बोलेगें
सुंदर राज़ सामने सबके क्यों खोलेंगे
jsundar raj ki sundar kavita jo ek sundar taswir par likhi gayi.waise taswir kafi sundar thi :-)
जवाब देंहटाएंbillore jee
जवाब देंहटाएंsach bataao naheen to
aapake shahar men ......
chalo hatao chehara sach chand sa hai
Lovely kumari & ब्लॉग पत्रकार kaa aabhaar
जवाब देंहटाएंbhai is tasweer se meraa sampark hua hai par jisake tasweer hai use main sach naheen jaanataa