बराक हुसैन ओबामा ने अमेरीकी राष्ट्रपति पद पर जुमा जुमा चार दिनही गुजारे और बहू की बुराई जैसी स्थिति पैदा हो गयी {कर दी गई }डैनियल पाइप्स ने उन्हौने ओबामा , पर उठतीं अंगुलियाँ अमेरीकी सोच को कितना बदलेगी यब बात ख़ुद डैनियल पाइप्स को कितनी पता है समझ से परे है । किंतु यह सोच उछाल कर पाइप्स ने ओबामा के ख़िलाफ़ एक छद्म आन्दोलन का आगाज़ ज़रूर कर दिया . शायद ओबामा को इस्लामिक यद्यपि उनकी नज़र में उनके इस आलेख को वे प्रारम्भिक यानी => Initial Assessment मान रहे हैं ..... किंतु जब प्रारंभ इतना सनसनीखेज हो तो तय है ओबामा की एक भी चूक अमेरिकी सियासत में हंगामा खडा कर सकती है। अमिताभ त्रिपाठी द्वारा अनूदित पाइप्स का आलेखांश देंखें :-
प्रश्न है कि नए अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यकाल 209 हफ्तों का है, बावजूद इसके, सिर्फ 2 हफ्तों के बाद ही, मध्यपूर्व और इस्लाम जैसे गूढ़ मसले पर उनके नज़रिए को समझने की कोशिश भला क्यों की जाए। लेकिन बराक हुसैन ओबामा के हावभाव को देखते हुए ये बेहद जरुरी हो जाता है। वैसे इस मसले पर चर्चा की ठोस वजह और भी हैं।
एक विरोधाभासी कीर्तिमान- नए अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के अतीत के तार यहू दियों के कट्टर विरोधी माने जानेवाले- अली अबुनीमाह, राशिद खालिदी और एडवर्ड सैड जैसे लोगों से जुड़े रहे हैं। ओबामा का संपर्क इस्लामिक देशों के साथ-साथ सद्दाम हुसैन के कार्यकाल से भी रहा है। लेकिन राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के बाद, ओबामा ने केन्द्रीय वामपंथी नज़रिया रखने वाले लोगों की नियुक्तियां की हैं और वे स्वयं पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जैसी ही भाषा बोल रहे हैं।
विमर्श के तौर पर यह आलेख जैसा भी हो मेरी नज़र में कयास मात्र है यदि सही भी हो तो हमें आसन्न खतरे की आहट सुनाई नहीं दे रही क्योंकि "ओबामा को अमेरिकी जनता ने कुछ तो परखा होगा "
बहुत सही, आगे आगे देखिए होता है क्या। नेता बन जाने के बाद सब अपनी मर्जी करने लगते हैं। भाषणों का कोई भरोसा नहीं।
जवाब देंहटाएंपूर्णिमा वर्मन
THANK'S
जवाब देंहटाएंKINTU LEKH KEWAL VYAKTIGAT VICHAAR LAG RAHAAI
अभी तो वाकई कयास लगाने जैसी ही बात है. बहुत जल्दी है इतने कम समय में कुछ भी दिशा संज्ञान लेना.
जवाब देंहटाएंवैसे अमरीकी जनता ने कुछ तो परखा होगा-यह भी अतिश्योक्ति ही है. नेता को कब कौन परख पाया है-भारत हो या अमरीका!!और जो परख गया वो नेता कैसा?
सही कह रहे हैं, मुझे भी कुछ ऐसा ही लगता है
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गुलाबी कोंपलें
चाँद, बादल और शाम
ग़ज़लों के खिलते गुलाब
Sameer ji
जवाब देंहटाएंVinay ji
tabharee hoo
गिरीश भाई
जवाब देंहटाएंमेरा धंधा ख़राब मत करो जी
मेरे ज्योतिषीय आंकलन में ओबामा
पर ये आरोप लगना दिखाई दे रहे थे
किंतु आरोप ग़लत है
अजी अभी तेल देखो ओर तेल की धार....
जवाब देंहटाएंसमय बतायेगा, कोन क्या है.
obama par utana hee yaqeen kijie jitana zarooree hai
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