27 मार्च 2009

जबलपुर के ब्लागर's : लिंकात्मक परिचय

इन दिनों जबलपुर का मौसम ब्लागिया होता जा रहा है. जिन लोगो की सूची यहाँ है उसके अलावा भी ब्लॉगर जी होंगे मुझे जानकारी है कुछ ज्ञात कुछ विख्यात भी जिनके नाम इधर छपे हैं उनके लिए सादर आग्रह का ट्रक भेज दिया है की वे सभी लोग नियमित रूप से भले दस लाइन लिखे लिखें ज़रूर नहीं तो नूह की नौका डोल जाएगी .

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ब्लागिंग को ऐसो नसा भए सब लबरा मौन

पत्नी से पूँछें पति -'हम आपके कौन ?'

जो लिखे उसका भला जो न लिखे उसका भी भला


5 टिप्‍पणियां:

  1. "जबलपुर के ब्लागर's : लिंकात्मक परिचय "

    आपकी हिन्दी इतनी कमजोर होगी, विश्वास नहीं होता। 'जबलपुर के ब्लागर' - अपने-आप में बहुवचन में है। दूसरी बात यह है कि बहुवचन बनाने के लिये अंग्रेजी में भी 'अपॉस्ट्रॉफी कॉमा' नहीं लगाया जाता फिर हिन्दी तो अलग ही जीव है। कहीं आप अनजाने में हिन्दी को भ्र्ष्ट तो नहीं कर रहे?

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  2. सच्ची बात है भैया हिंदी की टिरेनिग ले रिया हूँ

    जवाब देंहटाएं
  3. पोस्ट का शीर्षक है : "जबलपुर के ब्लागर's : लिंकात्मक परिचय"
    में ब्लागर'स लिखा होना था जबकि ब्लॉगर's लिखा गया है . सुधि
    मित्र टिप्पणी के लिए आभार के साथ आपको अवगत करा दूं की
    इस पोस्ट में मैंने बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया है इससे
    शायद हिंदी को क्षति होगी तो मुझे भी पीडा होगी ...!!
    दूसरा आपकी इस बात :-"हिन्दी तो अलग ही जीव है।"
    का अर्थ खोजने मुझे महान जीव विज्ञानियों की शरण में जाना होगा
    मान्यवर यदि इस पर विस्तार से मुझे मेल के ज़रिए बताएं तो अनुग्रह
    होगा इस अकिंचन पर ....!

    जवाब देंहटाएं
  4. ब्लागिंग को ऐसो नसा भए सब लबरा मौन
    पत्नी से पूँछें पति -'हम आपके कौन ?'
    वाह वाह मुकुल भाई बहुत काम की चीज दई आपने।
    और
    भैया अनुनाद सिंह जी जब अँग्रेजी वाले हिन्दी की बखिया उधेड़ते हैं तब हिन्दी ने उधेड़ दी तो--
    कौन जुलुम हुई गवा। लेवो अपास्टाफ़ी भैया को हम सुधारे देते हैं। ब्ला॓गर, ब्लागर (बलागर) हा हा ।
    Jabalpur Bloggers' Linking Introduction. है जो, सारी जय हो !!!

    जवाब देंहटाएं

कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!