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13 दिस॰ 2009

धनात्मक चिन्तन:बनाम सलीम खान


उम्दा सोच का  "धनात्मक चिन्तन"और भाई सलीम खान  की ह्रदय परिवर्तन  मुझे यकीं कदापि तब तक नहीं हो सकेगा जब तक भाई सलीम अपनी सारी विवादास्पद पोस्ट हटा नहीं लेते . इस से पहले न तो उनसे कोई बात होगी न ही ऐसा करना लाजिमी है. वास्तव में सलीम ने बचकानी हरकतें कीं हैं उसके लिए उनको माफ़ किया जा सकता है लेकिन जब तक विवादित आलेख ब्लॉग पर बने रहेंगे तो सलीम का जो चेहरा  दिखेगा बेशक अमन परस्त इंसान का चेहरा नहीं होगा. . मेरा  प्रिय अनुज सलीम से विनम्र आग्रह है कि भारत के हित में वे अपने विवादित आलेखों को हटा कर साबित करें कि वे वाकई अमन पसंद हैं.
खैर सलीम खान ही क्यों वे सभी लोग जो सिर्फ अपने धर्म की बात करते हुए अन्य को अपमानित करतें हैं वे सभी इस से प्रेरित हों और विवादित आलेख हटाएं ताकि अंतर्जाल पर हिन्दी के विकास के प्रयासों को बल मिले ....अस्तु अब आगामी पोस्ट तक के लिए शुभ रात्री शब्बा-खैर, अल्लाह-हाफ़िज़, वन्देमातरम   

9 टिप्‍पणियां:

  1. सही कहा आपने। यदि वहाँ से विवादित पोस्ट हट गये तो हम भी अपने ब्लोग से ऐसे पोस्ट को हटा देंगे।

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  2. सही सलाह , अब तो अमल करनेवाले के ऊपर है

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  3. अवधिया जी ठीक कह रहें हैं आप किन्तु शान्ति के लिए कोई शर्त नहीं होनी चाहिए ऐसा मेरा मत है अगर कोई विवादित पोस्ट है तो उसे ज़रूर हटा दीजिये. देश क्या सम्पूर्ण धरा आपके प्रति आभारी होगा यदि आप विराट सोच के होकर ऐसा कर देंगें. पूज्यनीय आप सच मुझसे वय में बड़े हैं पाजिटिव सोच के धनी हैं आप मेरा बालाग्रह स्वीकारेंगे जी यही भारतीय दर्शन का प्रमुख बिंदु है जी
    सादर चरण स्पर्श निवेदित है

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  4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  5. जी इस बात पर उम्दा सोच को नहीं जाकिर अली रजनीश को संबोधित किया जाना चाहिए ये घोषणा उनकी है !
    शुभ रात्रि.

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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!

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