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1 जन॰ 2010

"थ्री इडियट्स वर्सेस फाइव पॉइंट समवन या चेतन बनाम आमिर खान "

चेतन भगत   
बनाम 





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                                                      स्वर्गीय गुरुदत्त=>

आज अचानक चेतन का ब्लॉग पर यह लिखना की वे आहत हुए हैं  आमिर को नागवारा गुज़रा वे खबरिया
चैनल को आमिर ने जो इंटरव्यू दिया उससे कहीं साफ़ झलक रहा है की वे किसी हद तक कुछ छिपाना चाहतें हैं
अथवा यदि ऐसा नहीं है तो किसी ने उनसे  कुछ छिपाया है और मीडिया के सामने उनका अब तक का सबसे लचर इंटरव्यू यही था जब वे चेतन को "थ्री इडियट्स" के लिए पर्याप्त क्रेडिट देना साबित कर रहें थे . रहा सवाल अजिताभ जोशी के हवाले से कही इस खबर का "हम चेतन भगत को नोटिस जारी करेंगें !"
स्टार न्यूज़ पर दिखाई यह खबर अगर सही है तो जोशी साहब कुछ घबराए हढ़बढ़ाए से नज़र आ रहें हैं भाई अजिताभ जी देखिये चेतन भगत तो सिर्फ कह रहें हैं कि वे आहत हुए हैं ?  कोई घायल हो उसे नोटिस भेजने की बात करना अजीबो गरीब सा लग रहा है.चेतन जी को गुरुदत्त की फिल्म "प्यासा" याद रखनी ही होगी मायानगरी में सब कुछ संभव है  चेतन भगत साहब यहाँ  सब  कुछ सहना  होता   है कलम को / सुर को / फेन को माया नगरी पर हुनर मंद का हुक्म चलता है ?
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चेतन भगत का ब्लॉग 
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कुछ और है पहले से हीविकी पीडिया  पर
"इनका पहला उपन्यास "फाइव पॉइंट समवन - व्हाट नॉट टू डू एट आईआईटी " (२००४) , तीन विद्यार्थियों पर आधारित है जो संस्थान के भारी कार्यभार का सामना कर उससे उभरने की कोशिश करतें हैं | यह किताब इंडिया टुडे बेस्टसेलर के लिस्ट में सबसे ज्यादा दिनों तक रही (१९० सप्ताह , जनवरी २००८) | इस किताब ने २००४ में सोसाइटी यंग अचीवर अवार्ड और २००५ में पब्लिशर रेकोग्निसशन अवार्ड जीते | जाने माने हिन्दी फिल्म निर्माता, निर्देशक राजकुमार हिरानी इस किताब पर एक फिल्म बना रहे हैं जिसमें आमिर खान मुख्य भूमिका में दिखेंगें |
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ये  देखिये कहाँ है "चेतन भगत"   
का नाम इस सूची में वर्ना वेब दुनियाँ  पर थ्री  इडियट्स की कहानी नई फिल्म मूवी प्रीव्यूके साथ ज़रूर होता उनका नाम ?

बैनर : विधु विनोद चोपड़ा प्रोडक्शन्स
निर्माता : विधु विनोद चोपड़ा
निर्देशक : राजकुमार हीरानी
लेखक : विधु विनोद चोपड़ा, राजकुमार हीरानी, अभिजीत जोशी
गीत : स्वानंद किरकिरे
संगीत :शांतनु मोइत्रा
कलाकार : आमिर खान, करीना कपूर, आर. माधवन, शरमन जोशी, बोमन ईरानी, मोना सिंह, परीक्षित साहनी, जावेद जाफरी

13 टिप्‍पणियां:

  1. नववर्ष पर आपको हार्दिक शुभकामनाये और ढेरो बधाई

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  2. पढ़ा.


    फाईव पॉइंट समवन तो पढ़ चुके हैं..अभी ३ इडियट्स देखना बाकी है.

    तब कुछ कहेंगे.

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  3. चेतन को स्‍पष्‍ट क्रेडिट मिलनी चाहिए । मैंने यह किताब पढी है । चेतन ने अपने ब्‍लॉग पर ठीक लिखा है ।

    यह कहानी तो फाइव प्‍वाइंट समवन की ही है ।

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  4. हम सभी चाहतें हैं कि चेतन भगत को लाभ मिले ताकि एक न्याय हो सके
    Anupriya khare

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  5. y we r argue over it. its a good movie thats it. there must be a legend then only people can inspire.

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  6. आप को ओर आप के परिवार को नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाए

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  7. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  8. ३ इडियट्स तो देख ली मगर अभी फाईव पॉइंट समवन पढ़ना बाकी है मगर चेतन भगत की बात पर कोई शुभा नहीं है. फिल्म जगत को चोरी की लत लगी हुई है. इससे पहले कितनी फिल्मों की कहानियां चोरी की रही हैं. अब चोरी तो ब्लोगिंग में भी हो रही है. वैसे यह भी मजेदार इत्तेफाक है मैंने यह एक पोस्ट लिखी और दो दिन के अन्दर ही यहाँ उसकी फिल्म बन गयी - no credit, not even a reference of the original post! अब बताइये कि क्या चेतन को स्‍पष्‍ट क्रेडिट मिलनी चाहिए?

    नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाए!

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  9. यह तो स्पष्ट है कि अगर इस फ़िल्म का क्रेडिट चेतन भगत को नहीं दिया है तो यह उनकी कहानी की चोरी है। और अगर किसी की कहानी की चोरी होती है तो उसे तो दुख होगा ही फ़िर भी चेतन भगत कह रहे हैं कि चलो इसे मेरी कहानी घर घर तक पहुँचेगी।

    सब चोर हैं, ईमानदार केवल वह है जिसे चोरी करने का मौका न मिला हो।

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  10. लो बोलो..बिना चोरी की स्क्रिप्ट पर फ़िल्म बनायेंगे तो उसे देखेगा कौन? इसलिये समझदार निर्माता जानबूझकर चोरी की स्क्रिप्ट लेते है या ऐसा ड्रामा करवाते हैं...आप लोग समझते क्युं नही है? हर बात ताऊ को समझानी जरुरी है क्या?:)

    रामराम.

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  11. अब देखिए साब... अगर क्रेडिट की बात करें तो वो ईडियट (स) {आमिर} को मिले या स्टुपिड को... फिल्म तो बन गई, रिलीज़ भी हो गई, हित भी हो गई... कहानी कहीं कि भी हो... और क्रेडिट किसी को भी मिले... कुछ हासिल नहीं होगा...

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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!

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