शहर जबलपुर की शान लुकमान ज़रूर देखिये जी
___________________________________________ अनिल पुसदकर जी को एक बात समझ मे नही आ रही है कि:- ये कथित नेशनल न्यूज़ चैनल वाले लोगों को शिक्षित करने पर क्यों तुले हुये हैं,खासकर हिंदूओं को।सब के सब चिल्ला रहे है ग्रहण के बारे मे धार्मिक या पारंपरिक मान्यताएं बकवास है।सब पानी पी-पी के ग्रहण और ज्योतिषियों के खिलाफ़ आग उगल रहे हैं लेकिन क्या कभी इतनी जागरूकता किसी दूसरे धर्म के अंधविश्वासों के खिलाफ़ दिखाई है।हिंदू मंदिर मे अगर बलि चढ जाये तो सारे देश के नैतिकता और सुधारवाद के ठेकेदार वंहा पंहुच जायेंगे और बतायेंगे सारे हिंदू गलत हैं,सारी मान्यताऐं गलत है।[आगे पढ़िये ]
_____________________________
विशेष सूचना :
इधर आदाब-अर्ज़ करते हुए अबयज़ ख़ान ने अर्ज़ है पर अर्ज़ किया की ''चलिए नए साल पर एक खुशख़बरी उन मर्दों के लिए जो शादी के बाद भी पति-पत्नी और वो के चक्कर से निकले नहीं हैं... और खुशख़बरी उनकी पत्नियों के लिए भी जो अपने दिलफेंक मियां से आजिज़ आ चुकी थीं... घबराइये मत... जो काम आपके पति कर रहे हैं वो उनकी ज़िंदगी में तो रंग भर ही रहा है, आपकी शादी-शुदा ज़िंदगी में भी उससे बहार आ जाएगी... अरे ऐसा मैं नहीं कह रहा हूं... बल्कि ये नया राग तो अंग्रेज़ों की देन है...''[और आगे देखिये ]
इन शर्तों के साथ हिन्दयुग्म ने यूनिकवि की तलाश शुरू कर दी है
_______________________________________________
ब्लॉग जगत में इन दिनों जाने किधर से बाबाओं का सैलाब सा आ गया है . बाकायदा अपने अपने मठों से ब्लॉगरूपी ''वृक्ष की जड़ों में '' मठा सींचते लोगों की सोच के पौधों की जड़ों में ये लोग बाकायदा हींग डालते नज़र आ रहे हैं . .
- स्वामी भविष्यवक्तानंद
- झोत्तानंद
- लंगोटा नंदजी महाराज
- बाबा निठ्ठल्लानंद जी
- श्री श्री साढ़े सात हजार बाबा सांडनाथ !!
- श्री श्री बाबा शठाधीश जी महाराज
- महा मठाधीषसमीरा नन्द जी के आश्रम के मुख्य महंत ताऊ हैं तो महा-प्रबंधक-महंत का दर्जा प्राप्त ललितानंद जी ताऊ के ही मठा डालते हैं
महिला प्रभाग की महा-प्रबंधक
मां अदा चैतन्य कीर्ति महाराज साहिबा जी
अर्थ-प्रबंधक
बाबा स्वामी महफूज़ानंद महाराज
--बाबा प्रॉडक्टस--
सराहना से लेकर....सब एक ही जगह!! :)
जवाब देंहटाएंमकर संक्रांति की बधाई.
nice
जवाब देंहटाएंवाह! भोगी जोगी सभी एक तुला पर,
जवाब देंहटाएंअच्छा अंदाज है।
मकर संक्राति की शुभकामनाएं।
कुछ बाबा शालीनता की सीमा लाँघने लगे हैं कल एक ब्लाग पढ कर बहुत क्षोभ हुया इ9न बाबाओं पर लगाम कसें। बाकी लिन्क भी देखरही हूँ धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंघोर कलयुग बाबाओं पर अंगुली उठातें है
जवाब देंहटाएंहीं ब्लीं विरोधी ब्लागर्स टिपण्णी विहीन भव:
हा हा वाह वाह मुकुल जी,
जवाब देंहटाएंये मारा है आपने छक्के पर अट्ठा। अहा!
कहाँ से कहाँ लाकर पट्का। निर्मला जी बजा फ़रमाती हैं। इन बाबाओं पर लगाम कसना बहुत ज़रूरी है। ऑल ऑफ़ दीज़ गंदा बाबा लोग रुइनिंग द हिन्दी ब्लॉगजगत। एम आय राँग ?