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2 दिस॰ 2010

जबलपुर कार्यशाला पहली रपट

मित्रो
सादर अभिवादन कल देर रात तक चली कार्यशाला के फ़ोटोग्राफ़्स आधिकारिक रपट के   सहित सम्पूर्ण ब्लाग्स पर संप्रेषित किये जा रहे हैं.
        सादर

7 टिप्‍पणियां:

  1. लो पहली सीट पर तो खुद उडन जी ही इंतज़ार करते पाए गए हैं ....हम कोई और ज़ार करेंगे ...पहले आप रिपोर्ट को गुलज़ार करिए ...

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  2. ई का है भाई? हम हीं घुमाय दिए? कहाँ है रपट और फोटुआ ?
    अच्छा मुरख बनाय हो बबुआ !
    माँई के 'धार' दिए नाही.भूत,परित,पलीतां को याद किये नाही.
    पूरबजो को,अकाल मरी गए लोगो को सुभ काम में याद करने का रीत नही है का हमारे देस में? है ना? तो फिर 'हमका' काहे भूल गए? हा हा
    इब हिंया भी ठिठोली किये.बस बिल्लोरे जी को चिपकाय दिए.
    जय हो.

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  3. कहना यही है कि छा गये आप ....पूरे पृष्ठ पर ही नही सारे आयोजन पर भी

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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!

कितना असरदार

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