आर्यव के लिए
संजीव 'सलिल'
*
है फूलों सा कोमल बच्चा, आर्यव इसका नाम.
माँ की आँखों का तारा है, यह नन्हा गुलफाम..
स्वागत करो सभी जन मिलकर नाचो झूमो गाओ
इस धरती पर लेकर आया खुशियों का पैगाम.
उड़नतश्तरी के कंधे पर बैठ करेगा सैर.
इसकी सेवा से ज्यादा कुछ नहीं जरूरी काम..
जिसने इसकी बात न मानी उस पर कर दे सुस्सू.
जिससे खुश उसके संग घूमे गुपचुप उँगली थाम..
'सलिल' विश्व मानव यह सच्चा, बच्चा प्रतिभा पुंज.
बब्बा सिर्फ समीर उठे यह बन तूफ़ान ललाम..
संजीव 'सलिल'
*
है फूलों सा कोमल बच्चा, आर्यव इसका नाम.
माँ की आँखों का तारा है, यह नन्हा गुलफाम..
स्वागत करो सभी जन मिलकर नाचो झूमो गाओ
इस धरती पर लेकर आया खुशियों का पैगाम.
उड़नतश्तरी के कंधे पर बैठ करेगा सैर.
इसकी सेवा से ज्यादा कुछ नहीं जरूरी काम..
जिसने इसकी बात न मानी उस पर कर दे सुस्सू.
जिससे खुश उसके संग घूमे गुपचुप उँगली थाम..
'सलिल' विश्व मानव यह सच्चा, बच्चा प्रतिभा पुंज.
बब्बा सिर्फ समीर उठे यह बन तूफ़ान ललाम..
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बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
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