साभार: हिंदी-लतीफ़े |
खुद से पूछता हूं
एक हारी देह लेकर
अब तक ज़िंदा क्यों हूं..?
खुद से पूछने का मतलब है
कि -"शायद अब कोई निर्णय लेना है"
मुझे खुल के कुछ कह देना है ..!!
पर नि:शब्द हो जाता हूं ..
तुम्हैं देखकर...
तुम जो मुझे
ग़लत साबित कर खुद से कभी नहीं पूछते
कुछ भी...!!
आज़ भी षड़यंत्रों की बू आई थी
तुम्हारे कथन से
तुम जो
थकते नही हो
गलीच आचरण से..
चलो ठीक है ..
मैंने भी बहते हुए बिच्छूओं को बचाने का लिया है संकल्प..
तुम जो बिच्छू हो तुम्हारे पास डंक ही एक मात्र विकल्प ..
सहजता से गहरी बात कहती कविता!
जवाब देंहटाएंबहुत गहरे उतरती कविता..
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