जबलपुर में बनी फ़िल्म #प्रिया अवश्य देखिये । यह फ़िल्म रिया सुशांत मामले की क्षण-कथा है । कथा अभी जारी है... कथानक में और गुंजाइश है । निर्माताओं को चाहिए कि इसे सीरीज़ में पेश किया जाए । अभिनय के संदर्भ में कहूँ तो शॉर्ट फिल्म के अभिनेत्रियों अभिनेताओं की योग्यता इस शहर की विशेषता की वजह से है । स्टोरी का पक्ष ढीला छोड़ दिया है । स्क्रिप्ट राइटर के नम्बर काटने की अनुमति चाहता हूँ । संगीत पक्ष ठीक ठाक है । कुछ सवाल छोड़ने थे
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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!