बड़ी जोरदार ठण्ड पड़ रही है . घूमते घूमते अपुन आज पान की दूकान पे पहुँच गए . देखा तो पान वाला भी ठण्ड से ठिठुर रहा था . तबई अचानक गिरीश जी की जा बात जेहन में कौंध गई की हमें हर मामले में उंगली करनें में महारत हासिल है और मैंने भी ठान लिया की इस वार्ता को मै आगे बढ़ा दूं.
मैंने सोचा की क्यों न पान वाले को उंगली बताई जाय ... जैसे मैंने उंगली उठाई तो पान वाला बोला - उंगली काय उठा रहे हो ...सीधे सीधे बताओ बाबू कैसा पान लगा दूं .
मैंने डकार लेते हुए कहा जरा पान में कतरी, पिपरमेंट और सौप डाल देना . फिर मैंने पान वाले से कहा तुम्हे मालूम है की मैंने तुम्हे काय उंगली बताई थी . आजकल उंगली की महिमा बढ़ गई है .उंगली है बड़ी काम की चीज . उंगली बताकर किसी को चिढाया जा सकता है .
उंगली बताकर चुनौती भी दी जाती है . श्री कृष्ण ने उंगली बताकर जरासंघ को दो फाड़ करवा दिया था . कोई अच्छा भला खा पी रहा हो तो उसकी गा... एंड में उंगली कर दो बस फिर उसका खूब धुआं देखो और खूब आंच सेको और खूब हा हा हा करो..
कुछ लोगो की बिना बात के उंगुली करने की आदत होती है जो बिना वजह किसी को भी उंगली करते रहते है . देखो जा बात नेट पे तो बहुतई देखी जा रही है....बड़े बड़े पुराने धुरंदर नामी गिरामी चिटठाकार किसी नये या पुराने ब्लागर की खिल्ली उड़ाने के लिए बेवजह उंगली कर देते है . यह बात भी भूलने लायक नहीं है की एक उंगली उठाकर एम्पायर खिलाडी को आउट करार दे देता है ..
विपाशा बासु कम कपडे पहिनकर जब हाथ उठाकर उठाकर उंगली बता कर जब नाचती है तो दीवाने थिरकने लगते है तो दूसरी और संस्कारी बूढ़े विपाशा को कम कपडे पहिनने पर उंगली उठा उठाकर कोसते है . पान वाले ने कहा - भैय्या बहुत तै हो गई...अब जा बताओ भाई ललितजी और बाबा लंगोतानद नहीं दिख रहे है ?
मैंने मुस्कुराकर पान वाले से कहा - भैय्ये ठण्ड ज्यादा पड़ रही है कही उंगली कर रहे होंगे.
इस बात पर पान वाले और मैंने जोर का ठहाका लगाया और मैंने वहां से हंसते हंसते बिदा ली .
चर्चा पान की दूकान पर - महेंद्र मिश्र जबलपुर वालो द्वारा...
गुरुदेव
जवाब देंहटाएंजे हुई न बात
खूब लिखे दिल से लिखे
अब देखो मौज में कितने हैं और कितने मौजा में.?
ऊँगली........ हा हा हा हा हा हा हा हा हा .......
जवाब देंहटाएंबहुत खूब शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबच्चा ठीक लिखा
जवाब देंहटाएंअब ब्लाग जगत की पोस्ट के आधार पर पाप पुण्यात्माओं का फैसला होने के आदेश जारी
कर दिए हैं महान एग्रीगेटर बाबा चित्रगुप्त ने तू ठीक कर रहा है
कम से कम किसी को गधा तो नहीं कह रहा है
कल्याण हो वत्स कल्याण हो
हा हा! बहुत सही!!
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