7 जून 2007

अंगुली

अंगुली करने में हम भारत वालों की कोई तोड़ नहीं है ।
हमें हर मामले में उंगली करनें में महारत हासिल है .....!गोया कृष्ण जीं ने गोवर्धन पर्वत को अंगुली पे क्या उठाया हमने उनकी तर्ज़ पर हर चीज़ को अंगुली पे उठाना चालू कर दिया है । मेरे बारे मे आप कम ही जानते हैं ...!
है न !! सो अब जान लीजिये मुझे कम्प्यूटर सीखना था ....सो सीख लिया । जानते हैं कैसे ?"अरे भाई केवल अंगुली कर कर के !! मेरी अंगुली को आज तक कुछ भी नहीं हुआ ...! ये अलहदा बात है कि कम्प्यूटर ज़रूर थोड़ा खराब हुआ । इससे आप को क्या शिक्षा मिली ......? यही कि "चाहे जहाँ ,जितनी भी अंगुली करो अंगुली का बाल भी बांका नहीं होगा । इतिहास गवाह है कृष्ण जीं की अंगुली याद करिये !
मनीष भाई आज बास् के हेंडी केम से फोटू उतार रहे थे !
हम ने कहा "भाई शर्माजी ज़्यादा अंगुली मत करिये " ....! श्री मन बोले "भाई मेरे मत घबराओ कुछ नही होगा "
अपनी अंगुली का कुछ नहीं बिगड़ने वाला है , और केमेरा तो नश्वर है !
भाई शर्मा जीं सत्य कह रहे हैं , आप अपनी अंगुली जहाँ भी चाहें उपयोग में लायें

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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!