माँ बिन कोई नहीं,सक्षम है करुणा रस का ज्ञान कराएँ।
माँ -पिता ने संगीत संस्कार दिए भाई ने रास्ता दिखाया
आभास के लिए इसके अलावा श्रीमती पुष्पा जोशी यानी
दादी जीं के आशीष की ज़रूरत थी कि निकल पड़ा
" लिटिल -मास्टर सुर यात्रा पर"
" लिटिल -मास्टर सुर यात्रा पर"
आज का दिन आभास के लिए एक निर्णायक दिन होगा
जब आप उसे देखेंगे और सराहेंगे ज़रूर वाइस-ऑफ़-इंडिया
पर
स्थान:- आपके घर का टी वी रूम
स्थान:- आपके घर का टी वी रूम
दिनाक:-
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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!