28 अग॰ 2007

" बाईक भागलपुर की !!"

पुलिस वालो
तुम सब छोटे लुटेरों को
इसी तरह बाइक से बाँध कर
घसीटते रहना मैं तो कहता हूँ
इस काम को मत रोकना !
कोई कुछ भी कहे
कुछ भी मत सोचना !
तुम्हारा साहस जारी रहे देखना है मुझे
कोई
बड़ा लुटेरा तुम्हारी बाइक से
बंधा
"घसीटा जाएगा भागलपुर ही नहीं
हर शहर की सडकों पर "
वो लुटेरा जो सबका चैन छीन कर भागता है

1 टिप्पणी:

  1. बहुत बढ़िया. चेन खींचने वालों पर ही यह सब शक्ति परीक्षण होता है, चैन छीनने वाले तो माहान होते हैं । उनका सम्मान किया जाता है ।
    घुघूती बासूती

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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!