गिरीश बिल्लोरे मुकुल
" आभास की वापसी तय है...!"
स्टार वाइस आफ इंडिया में आभास की वापसी की उम्मीद को नकारा नहीं जा सकता । म.प्र. के लोगों विशेष रूप से महाकौशल , मालवा , नर्मदांचल, बघेलखंड, के लोगों को लगता है आभास की वी.ओ.आई। में वापसी का
आभास हों गया है.....!
जबलपुर के नामचीन पत्रकार डाक्टर पंकज शुक्ल की पैनी निगाह आभास के हर परफोर्मेंस पर रहती है...
वे हर निर्णायक की टिप्पणी को सुनते और याद रखते हैं... जबकी एक अन्य पत्रकार विकास खन्ना {बरगी } जो
आभास के हर एपिसोड को सामूहिक रूप से देखतें रहे हैं ....... आभास के बिना अब स्टार प्लस नहीं देख रहे हैं.... उनका कहना है_"शो तो उजडे शहर सा दीखता है...?" ये उनकी राय है जो संकेत करती है स्टार प्लस की टी.आर.पी. में गिरावट आयी है......?
जबलपुर का अखबार जिसकी उम्र जबलपुर में २ दिन की हुयी है मे कवर स्टोरी छाप कर आभास की योग्यता और प्रतिभा को रेखांकित कर ही दिया .
सांसद श्री राकेश सिंह पीछे क्यों रहते उनके दरबार में हर आने जाने से वोट अपील होना दीवानगी नहीं तो क्या है । ये हों क्यों ना आभास है ही इतना प्यारा ।
इश्मीत के बारे में जान कारी मिली है कि उन्हैं एन० आर० आइ० का वोटिंग सपोर्ट है..... इस पर आभास के एक दीवाने ने कहां -"भाई साहब... राम सेतु बनाने में गिलहरी के योगदान की बात तो आपने सुनी होगी एक गिलहरी कैसे राम के लिए रेत लेकर आती है......."
हम तो गिलहरी बन के वोट लायेगें आभास के लिए ।
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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!