17 मई 2008

आभार प्रदर्शन

श्रीराम ठाकुर "दादा"की कृति मERI EK SOU IKKIS LAGHUKATHAYEN , में समाहित १०१ लघुकथा रोचक है। जो कथा या लघु कथा सच्ची मुच्ची की घटनाओं के आस-पास घूमती हैं प्रभाव शाली होतीं हैं । उनकी लघुकथाओं की बानगी देखिए
"इक विशाल हाल में कार्यक्रम संपन्न हो चुका था। आभार प्रदर्शन करते संस्था के अध्यक्ष बोले- अतिथियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ,जिन्होंने अपना अमूल्य समय दिया। सैकड़ों की तादात में आप सब लोग पधारे ,एतदर्थ हार्दिक धन्यवाद । अंत में मैं विद्युत मंडल का आभारी हूँ जिनकी कृपा से बिजली......
...............और बिजली चली गयी। हाल में अँधेरा छा गया।

1 टिप्पणी:

  1. बड़ी बेहतरीन लघुकथा है. विद्युत मंडल का मौजूदा हाल कह गई. :)

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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!