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30 जुल॰ 2008

आभास अब फिल्मों में नज़र आएं तो कोई बड़ी बात नहीं







जबलपुर का प्रतिभा शाली आभास पूनम सिन्हा की पसंद हैं . इस बात की जान कारी सभी उसके साथियों को है.
पिछले दिनों शत्रु और रेखा को लेकर पूनम की फ़िल्म आज फ़िर जीने की तमन्ना है शुरू हुई तो ज्ञात हुआ की उसमे जैसे गवैये पुत्र की तलाश इस कहानी को है वो बात शायद आभास में देखी गई सूत्र बताते हैं की आभास ने आपने हिस्से की शूटिंग का आधे से ज़्यादा हिस्सा शूट करा लिया है. अब देखना की बॉक्स आफिस की तरफ़ आभास रेखा और शत्रु पूनम की किरणों की चमक के साथ कितना आकर्षित होते हैं दर्शक

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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!

कितना असरदार

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