ये इश्क हाय बैठे बिठाए ज़न्नत दिखाए हाँ
सावन की मदिर फुहार से हरियाया पथ तट और यहीं-कहीं एकांत में
थोड़ा रूमानी होने का हक सबको है
फोटो:संतराम चौधरी,
मयकदा पास हैं पर बंदिश हैं ही कुछ ऐसी ..... मयकश बादशा है और हम सब दिलजले हैं !!
हा हा!! बहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंbahut khoob,
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
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