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24 मार्च 2009

नयनन बसी नैनो ......!!


चार पहिए का सुख कौन नहीं भोगना चाहता , टाटा" की नज़र की जिन ऊँचाइयों पर थी उसे समझा नरेंद्र मोदी ने

ममता जी की सोच में जो भी था उससे ममता जी ही जाने किंतु तय है की आज के सबसे बुद्धिमान व्यक्तित्व के धनी साबित हुए हैं नरेंद्र मोदी जी । पश्चिम बंगाल के बारे में आने वाले दिनों में बच्चे आज का वृत्तांत बांच रहें होंगे तब ममता जी का स्मरण कैसे करेंगे आप अंदाजा लगा सकतें है ।

बहरहाल मुझे तो चिंता है की बुकिंग सही समय पर कर पाता हूँ की नहीं इलेक्शन की ड्यूटी बजाते बजाते देर न हो जाए ............... तब तक आप सुधि जन सोचिए

"नकारात्मक उर्जा से पीड़ियों को सकारात्मक संदेश कभी नहीं दिए जा सकते जब चरखा ज़रूरी था तब चरखा जब स्पात ज़रूरी हो तो स्पात जब कम्प्युटर तब कम्प्युटर तो बताइये कौन सोचता है जनता के बारे में सही ?"

विकास का विरोध किस हद तक हो कैसा हो इस बात की समझ से देश का विकास सम्भव है । आज इस देश में ऐसी अनोखी सोच मौजूद है जो देश का काया कल्प करने की अदभुत ताक़त रखतीं हैं आइये सकारात्मकता का बिरवा उनके घर रोप आएं जो क्षणिक लोकप्रियता वश दीर्घ कालिक लाभ से कौमों को वंचित करतें हैं ॥

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तब तक आप इसे सुनिए : जो

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1 टिप्पणी:

कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!

कितना असरदार

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