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8 अप्रैल 2009

जूता जो अब आवाज़ बनेगा ...?


जापानी जूता जो गुनगुनाया गया
इराकी जूता गर्माया
जीजू का जूता,जो छिपाया गया
और ये एक जूता
जूता जिसने शर्मसार किया
भारतीय चिंतन को
तार तार किया
आप
क्या सोचतें हैं
बताइये
बताने आ रहें हैं तो
आइए

किंतु
अपने जूते बाहर उतार कर
नंगे-पाँव
मैं आम आदमीं हूँ
सभ्यता
सांस्कृतिक
सौजन्यता
मुझमें बाक़ी है !!

2 टिप्‍पणियां:

  1. वाह। जूते के कई रूप आपने सामने रखा।

    जूता है अनमोल धन जूता है हथियार।
    पाँव के नीचे भी रहे सर पे करे प्रहार।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
    कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

    जवाब देंहटाएं

कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!

कितना असरदार

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