मयकदा पास हैं पर बंदिश हैं ही कुछ ऐसी ..... मयकश बादशा है और हम सब दिलजले हैं !!
बहुत सुंदर ... पर लिंक नहीं काम कर रहा।
Sangeetaa ji ab dekhiye link
Badhai ho
अच्छा लगा,सभी ब्लागरों के ब्लाग के विखरे मोती बटोरने की कोशिश कर रहा हूँ।
कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !! बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के ! सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!
बहुत सुंदर ... पर लिंक नहीं काम कर रहा।
जवाब देंहटाएंSangeetaa ji
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Badhai ho
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा,
जवाब देंहटाएंसभी ब्लागरों के ब्लाग के विखरे मोती बटोरने की कोशिश कर रहा हूँ।