मयकदा पास हैं पर बंदिश हैं ही कुछ ऐसी .....
मयकश बादशा है और हम सब दिलजले हैं !!
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4 जून 2009
चित्रकार जगदीश पटेल : रंगों का चितेरा
इनचित्रोंकासृजनकियाहै -जबलपुरकेचित्रकारश्रीजगदीशपटेलने । आप जानना चाहेंगे इन के बारे में और अधिक तो मिलिए इनसे सोमवार को इसी स्थान पर बेवजह शब्द तो नहीं उगलते बस सदा कर के दिखा देते हैं
कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता ! आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !! बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से ! दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के ! सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!
उत्तम...आनंद...
जवाब देंहटाएंमिलते हैं
Its very good thing that u r encouraging artist .all paintings are fantastic.
जवाब देंहटाएंबढ़िया चित्र हैं भाई-जगदीशा पटेल जी को बधाई. सोमवार का इन्तजार है.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जी
जवाब देंहटाएंकोशिश है आत्मकेंद्रित न रहूँ
Wah mujhe bataya to sikha bhee deejiye
जवाब देंहटाएंkaise blog banana hai
Sharad Joshi
सिर्फ एक शब्द, लाजवाब।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
Monday ka Intzaar hame bhi hai...!
जवाब देंहटाएंchitra bahut hi ghatiya he.. m f hussain ki kahi kahi behat besharmi se ganddi nakal ki he........
जवाब देंहटाएंbhaddi chitra kari....
main sabhee tippaniyon se unako awagat karaa detaa hoon
जवाब देंहटाएंwah.....sir ji...jagdish patel sir ke to apun purane fan hain...gajab ke artist hain.....aur bahut hi ache insan.......badhai.in chitron ke liye
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