मयकदा पास हैं पर बंदिश हैं ही कुछ ऐसी ..... मयकश बादशा है और हम सब दिलजले हैं !!
ब्रिग्रेडियर किसलय जी का स्वागत है जबलपुर ब्रिगेड
सुन्दर रचना लिखी है बधाई।
behad khubsurat allad si nazm.waah
क्या बात कही डॉ. साहब बहुत ख़ूब!
कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !! बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के ! सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!
ब्रिग्रेडियर किसलय जी का स्वागत है
जवाब देंहटाएंजबलपुर ब्रिगेड
सुन्दर रचना लिखी है बधाई।
जवाब देंहटाएंbehad khubsurat allad si nazm.waah
जवाब देंहटाएंक्या बात कही डॉ. साहब बहुत ख़ूब!
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