मयकदा पास हैं पर बंदिश हैं ही कुछ ऐसी ..... मयकश बादशा है और हम सब दिलजले हैं !!
देर आये दुरूस्त आये, अच्छा हुआ हूरो के पास पहुँचने से पहले पहुँच गई :)
bahut khoob ! jai hind !
इस सवाल पर बवाल क्यॊ? :)
कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !! बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के ! सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!
देर आये दुरूस्त आये, अच्छा हुआ हूरो के पास पहुँचने से पहले पहुँच गई :)
जवाब देंहटाएंbahut khoob !
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