उस शरीर को जो धर्म के नाम पर आतंक मचाये
रेत के किलों से डहा दो
उन महलों को जहां से
उगतीं हैं धर्मांध पौध...........!
कोई पाप न होगा अगर तुम एक बार बचा लोगे
एक करकरे को
तुम जो नि:शब्द खड़े
धर्म के मामलों पर कुतर्क
सुन लेते हो
तुम जो खिड़कियाँ बंद कर व्यवस्था को गरियाते हो
तुम जो सुबह दफ्तर जाते हो
तुम जो सड़क पर गिरे घायल को
अनदेखा कर निकलते हो...
छोड़ दो ये चमड़ी बचाने की आदत
उठो हुंकारों शंखनाद करो नि:शब्द में शब्द भरो
फहरा दो विश्व में शान्ति का परचम
बहकाने न दो बच्चों के कदम
सिखाओ मानव धर्म
बेशक कठोर हो जाओ जब देश की प्रतिष्ठा को कोई आंच आए
विश्व का अंत करने वाली सोच का सर कुचल दो
शान्ति द्रोहियों को ठीक वैसे ही मारो जैसे
एक बन्दर सांप का सर पकड़ कर तब तक रगड़ रगड़ के मारता है जब तक उसका अंत न हो जाए
कोई अपराध नहीं है साथ दो हौसला दो वीरों को
शपथ लो
अब कोई हेमंत करकरे अकारण न शहीद होगा
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हेमंत करकरे (जन्म १९५४-२६ नवंबर २००८) मुंबई के आतंक विरोधी दस्ते के प्रमुख थे। वे २६ नवंबर २००८ को मुंबई में हुए श्रेणीबद्ध धमाकों और गोलीबारी का बहादुरी से सामना करते हुए शहीद हुए। हेमंत करकरे १९८२ बैच के आईपीएस अधिकारी थे। नागपुर के विश्वेश्वर रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले करकरे ने डॉ. केपी रघुवंशी से मुंबई एटीएस के प्रमुख का पदभार ग्रहण किया था।
करकरे ने चंद्रपुर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में भी काम किया था। नॉरकोटिक्स विभाग में तैनाती के दौरान उन्होंने पहली बार विदेशी ड्रग्स माफिया को गिरगांव चौपाटी के पास मार गिराने का कारनामा कर दिखाया था।[१] वे रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के लिए ऑस्ट्रिया में सात साल तक अपनी सेवाएँ देने के बाद इसी साल महाराष्ट्र कैडर में वापस लौटे थे। इसके तत्काल बाद ही जनवरी में उन्हें एटीएस प्रमुख बनाया गया था। वे इन दिनों २९ सितंबर ०८ को मालेगांव में हुए बम विस्फोट की गुत्थी सुलझाने में जुटे हुए थे। मुंबई पुलिस ने हेमंत करकरे के रूप में एक जांबाज और दिलेर अधिकारी खो दिया है। स्वभाव से बेहद शांत और संयमी करकरे पुलिस महकमे में अपनी ईमानदारी और निष्ठा के लिए जाने जाते थे।
विकी पीडिया से साभार मूल स्रोत : दैनिक भास्कर
हेमंत करकरे ji ko salaam.....
जवाब देंहटाएंva shraddha suman....
कोई अपराध नहीं है साथ दो हौसला दो वीरों को
जवाब देंहटाएंशपथ लो
अब कोई हेमंत करकरे अकारण न शहीद होगा
बहुत सुन्दर संदेश
हौसला दिल में जगाना साथिया
देश दुश्मन से बचाना साथिया
शहीदों को शत शत नमन
बहुत सामयिक रचना, शहीदों को नमन.
जवाब देंहटाएंरामराम.
शहीदो को शहीद जैसा सम्मान दिया जाना चाहिये, करकरे सहित सभी देश भक्तो को नमन
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