मयकदा पास हैं पर बंदिश हैं ही कुछ ऐसी ..... मयकश बादशा है और हम सब दिलजले हैं !!
नोट: लखनऊ से बाहर होने की वजह से .... काफी दिनों तक नहीं आ पाया ....माफ़ी चाहता हूँ....
बढ़िया गाया. गीत अच्छा लगा.
करता पश्चिम अगुवानी है??मैं समझता हूँ पूरब अगुवानी कर रहा है और पश्चिम अनुसरण कर रहा है...यह गीत के भाव होना था..क्या मैं सुनने में कुछ गलत या समझने में कुछ गलत??
जितना सुन्दर गीत ठीक उतनी ही सुन्दर रही प्रस्तुति... सुनाने के लिए आभार 'मुकुल' सर जय हिंद...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति धन्यवाद
कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !! बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के ! सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!
नोट: लखनऊ से बाहर होने की वजह से .... काफी दिनों तक नहीं आ पाया ....माफ़ी चाहता हूँ....
जवाब देंहटाएंबढ़िया गाया. गीत अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंकरता पश्चिम अगुवानी है??
जवाब देंहटाएंमैं समझता हूँ पूरब अगुवानी कर रहा है और पश्चिम अनुसरण कर रहा है...यह गीत के भाव होना था..क्या मैं सुनने में कुछ गलत या समझने में कुछ गलत??
जितना सुन्दर गीत ठीक उतनी ही सुन्दर रही प्रस्तुति... सुनाने के लिए आभार 'मुकुल' सर
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति धन्यवाद
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