मयकदा पास हैं पर बंदिश हैं ही कुछ ऐसी ..... मयकश बादशा है और हम सब दिलजले हैं !!
किस चीज़ की संभावनाएं ?
सुनते हैं..
100% सहमत हूँ आपसे!इस पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है-http://anand.pankajit.com/2010/03/blog-post_8418.html
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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !! बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के ! सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!
किस चीज़ की संभावनाएं ?
जवाब देंहटाएंसुनते हैं..
जवाब देंहटाएं100% सहमत हूँ आपसे!
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http://anand.pankajit.com/2010/03/blog-post_8418.html
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