अंशुमान अवस्थी | बेताल कथा |
डॉ अखिलेश बार्चे | झूठ के नामकरण |
अगस्त्य कोहली
अजय कुमार गुप्ता अतुल चतुर्वेदी | नाटक की नौटंकी सांस्कृतिक विरासत रेलगाड़ी पुलिसियाने में क्या हर्ज. है |
अनुराग वाजपेयी |
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अनुज खरे |
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अनूप कुमार शुक्ला | कुछ कुछ होता है गुस्से मेंग्रीष्म ऋतु कुछ नए बिंब चिंता करो सुख से जियो दीपक से साक्षात्कारपहली अप्रैल का दिनफटाफट क्रिकेट और चीयर बालाएँ बच्चा हाई स्कूल में भीगे चुनर वालीरामू! जरा चाय पिलाओ वनन में बागन में बगर्यो बसंत . . . हिंदी की स्थिति है किसी का नाम गुलमोहर होना चीयर बालाओं का |
अमिताभ ठाकुर | उसका पसंदीदा देश |
अभिनव शुक्ल | अमलतास बोले तो? विभीषण की सरकार |
अभिरंजन कुमार |
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अमृतराय | नया साल मुबारक |
डॉ. अरुणा शास्त्री | रहिए ऐसी जगह जहाँ कोई न हो |
अलका चित्रांशी | दाद ए बगदाद |
अलका पाठक | आखिर ऐसा क्यों होता है? शिखर वार्ता |
अविनाश वाचस्पति |
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अशोक गौतम | इस दर्द की दवा क्या है चल वसंत घर आपणे परेशान पड़ोसी रिश्वतमृतमश्नुते हाय रे मेरे भाग |
अशोक चक्रधर | सपनों का होमरूम थिएटर जय हो की जयजयकार काव्य कामना कामदेव की सारा डेटा पा जाएगा बेटा |
अशोक स्वतंत्र | हे निंदनीय व्यक्ति |
आशीष अग्रवाल |
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इंद्र अवस्थी | आइए अपनी नेशनल लैंगुएज को रिच बनाएँ |
इला प्रसाद | दर्द दिखता क्यों नहीं |
ईश्वरसिंह चौहान | रति का भूत |
उमाशंकर चतुर्वेदी | दीपक की व्यथा–कथा बीमार होना बड़े अफ़सर का |
उमेश अग्निहोत्री | अमेरिका में गुल्ली डंडा अमेरिका में दर्पण मैं और फेसबुक |
काका हाथरसी | प्यार किया तो मरना क्या |
कृष्ण कुमार अग्रवाल | इस हमाम में |
कृष्ण मोहन मिश्र | मेरा पुष्पक विमान |
के पी सक्सेना | दग़े पटाखे की महक |
गिरीश पंकज | चार निलंबितों की वार्ता |
गिरीश बिल्लोरे मुकुल | उफ ! ये चुगलखोरियाँ फुर्सत के रास्ते |
गोपाल चतुर्वेदी गोपाल प्रसाद व्यास डॉ. गोपाल बाबू शर्मा |
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गुरमीत बेदी |
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डा गौतम सचदेव | ईश्वर से प्रेम भारतीय भ्रष्ट संघ का भारत बंद |
जवाहर चौधरी | कानून का पेट ख़ाली है कामरेड की लंगोट पधारो ‘जी’ म्हारा देस |
डॉ. टी महादेव राव | बिन सेलफोन सब सून |
तरुण जोशी | जिस रोज़ मुझे भगवान मिले |
तेजेन्द्र शर्मा | देवलोक से दिव्यलोक |
तोताराम चमोली | निरख सखी फिर फागुन आया |
दामोदर दत्त दीक्षित | धूर्तराज का पुनराभिषेक |
दिनेश थपलियाल | किस्सा कहावतों का |
देवेन्द्र इन्द्रेश
| वी.आई.पी. कबूतर |
दीपक दुबे
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दीपक राज कुकरेजा | पेन माँगने में शर्म नहीं आती! |
दुर्गेश गुप्त ''राज``
| मैं आदमी हूँ और आदमी ही रहूँगा |
भारतदीप | विरह में व्यंग्य |
धीरेन्द्र वर्मा | हॉस्टल में वार्डन से मुठभेड़ |
धीरेन्द्र शुक्ला | खेल घोटालों का |
डॉ. नरेन्द्र कोहली | अग्निपरीक्षाअड़ी हुई टाँग अपहरणआज्ञा न मानने वालेउदारता खाली करनेवाले खुदाईजनतंत्र टाई कट्टरताकुतुबमीनार जनतंत्र नया साल मुबारक हो फंदा बहुसंख्यक होने का अर्थभोंपू मानव आयोग मानवाधिकारलंदन का कोटलोकार्पण वह कहां है विदेशीशताब्दी एक्सप्रेस का टिकट शोषण के विरुद्ध सेवा वंचित हाहाकार |
नवीन चंद्र लोहानी | मुक्त मुक्त का दौर वाह डकैत हाय पुलिस |
नित्य गोपाल कटारे शास्त्री | फैशन शो में गिरते परिधान |
निशांत कुमार | दौरा |
नीरज शुक्ला | कबिरा खड़ा गोष्ठी में |
नीरज त्रिपाठी | नव वर्ष का अभिनंदनहमारे पतलू भाई |
नीरज दीवान | कैमिकल लोचा... हे राम |
पराशर गौड़ |
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पवन चंदन | झाँको, खूब झाँको, झाँकते रहो |
पीयूष पांडे | क्यों न मना सका गब्बर होली |
प्रतिभा सक्सेना | भगौने में चम्मच |
प्रदीप मैथानी | हम ऐसे क्यों हैं |
प्रमोद ताम्बट |
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प्रमोद राय | बॉस मेहरबान तो गधा पहलवान |
डा प्रेम जनमेजय | अँधेरे के पक्ष में उजाला अध्यक्षस्य प्रथम दिवसे आँधियों का मौसम कन्या-रत्न का दर्द तुम ऐसे क्यों आयीं लक्ष्मी पुरस्कारम देहि माथे की बिंदी मैया, मोही विदेस बहुत भायो ये पीड़ित जनम जनम के राधेलाल का कुत्ता राम! पढ़ मत, मत पढ़ हिंदी के शहीद हे देवतुल्य ! तुम्हें प्रणाम |
पूर्णिमा वर्मन | गर्मी फिर आ गई सजनी |
पूरन सरमा | मरना ऑफ़िस कंपाउंड में काली भैंस का |
फ़कीरचंद शुक्ला | तुम्हारी कसम डार्लिंग |
बसंत आर्य | विश्वकप का बुखार |
ब्रजेन्द्र श्रीवास्तव 'उत्कर्ष' | फिर गिरी छिपकली |
डॉ. बालकरण पाल
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बाला दुबे | ग़ालिब बम्बई में |
भारत भूषण तिवारी | पहला विज़िटिंग कार्ड |
भूपेंद्र सिंह कटारिया | हमारे नेताजी |
मधुलता अरोरा | ये साहित्य समारोह |
मनजीत शर्मा मीरा | महँगाई मार गई |
मनोज लिमये | मेरे शहर की मॉल संस्कृति |
मनोहर पुरी | आप स्वर्ण पदक क्यों लाए क्यों करें इंडिया को भारत तोहफ़ा टमाटरों का गरीबों की संसद गोलगप्पे में शराब पुस्तक मेले में लोकार्पण प्याज और ब्याज भ्रष्टाचार बिना बिचौलिया भ्रष्टाचार हटाने की जरूरत क्या है सदन में चिल्लाने का अधिकार सरकारी इकबाल कमाल है कमाल स्वागत बराक ओबामा का हो के मजबूर मुझे उसने उठाया होगा |
मयंक सक्सेना | मूर्ख बने रहने का सुख यथा राष्ट्र, तथा पुष्प |
महेशचंद्र द्विवेदी |
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महेश सांख्यधर | जिन लूटा तिन पाइयाँ |
मुरली मनोहर श्रीवास्तव | एक करोड़ जनता और एक मिस इंडिया? ... एक महान व्यक्ति की आत्मकथा |
मृदुल कश्यप | परमाणु बिजली और हैरतगंज के पेलवान जी |
यश मालवीय | लेट गाड़ी और मुरझाता हार |
यशवंत कोठारी | मेरी असफलताएँ क्रिकेट ऋतुसंहार |
योगेश अग्रवाल | हंगामा देवलोक में |
रतनचंद रत्नेश | टीवी में गरीबी कहाँ |
रमाशंकर श्रीवास्तव | तारीफ़ भी एक बला है देशभक्ति और सरसों का साग |
र श केलकर | लेखक और नारी |
रविशंकर श्रीवास्तव 'रवि रतलामी' | आरक्षित भारत सन–२०१०कैसे कैसे शब्दजाल नया साल नये संकल्प (उ)-ई मेलमैच के समय ध्यान रखें |
रवीन्द्र कुमार | दाखिला अँग्रेजी स्कूल में |
रवींद्रनाथ त्यागी |
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रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति | कुर्ता-पायजामा पहनने के लाभ |
राकेश शर्मा | कोई जूते से न मारे |
राज चड्ढा | आग तापने का सुख |
राजेन्द्र त्यागी | इंसान के दुश्मन वैज्ञानिक बापू के बंदर राष्ट्र की मुख्यधारा में बुद्धिजीवी बनाम बुद्धूजीवी भ्रष्टाचार में शिष्टाचार का समावेश... भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा राजनीति और मूँछ राजनीति में पालतू राजनीति, इज़्ज़त और कीचड़ संसद में बंदर सत्ता सुखोपभोग करो मंदोदरी होली दो पाटन के बीच में हो ली |
रामकिशन भँवर |
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रामनारायण सिंह मधुर | खर्च हुए वर्ष के नाम |
डॉ. राम प्रकाश सक्सेना | मौसम है फ़ीलगुडयाना |
रामवृक्ष सिंह | आक्टोपस बाबा पधारो म्हारे देस कसम का टोटका |
रामेश्वर कांबोज 'हिमांशु' |
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राजर्षि अरुण | काश दिल घुटने में होता कुत्ता |
रेखा व्यास | थैंक्यू सॉरी और हाई बाई |
विजय अग्रवाल विजय ठाकुर विनय कुमार | आधुनिक समीक्षा हमारी साहित्य गोष्ठियाँकुत्ते की आत्मा |
विजी श्रीवास्तव | सच का सामना में गांधी जी का बंदर |
विनोद विप्लव | कुर्सी में जान डालने की तकनीक सच की नगरी और चोरों का राजा |
विनोद कुमार सिनंदी विनोद शंकर शुक्ल | आजकल के चमचे भारतीय रेल : सारे जहाँ से अच्छी शहर में वसंत की तलाश |
वीरेंद्र जैन | गरमी के खिलाफ़ मौसम मंत्री का बयान पागलपन के पक्ष में पानी बचाओ आंदोलन प्रायोजित विशेषांक ख़ास बनने का नुस्ख़ा ये अखबार निकालने वाले लेखक पत्नी संवाद |
पं. वेदप्रकाश शास्त्री | मेरा करवाचौथ का व्रत |
श्यामसुंदर घोष | तकिया नेताजी का भाखा प्रेम |
शरद उपाध्याय | साहब का जाना |
शंभुनाथ सिंह | बाजार में निकला हूँ |
शरद जोशी | अथ श्री गणेशाय नम: एक भूतपूर्व मंत्री से मुलाकात नेतृत्व की ताकत यह बंगला फिल्म |
शरद तैलंग | जीवन दो दिन का झूठे का बोलबाला मुझको भी तो जेल करा दे शुभकामनाएँ नए साल की |
शास्त्री नित्य गोपाल कटारे | अमलतास की तलाश वे बच्चे नहीं रहना चाहते भोलेनाथ की सरकार व्याख्याग्लोबल वार्मिंग से त्रस्त कैलाशपति |
शिल्पा अग्रवाल | श्री गणेश के साक्षात दर्शन |
डा शिवदेव मन्हास | क्रिकेट के बारे में |
शैल अग्रवाल | हिन्दी–मैया–एक परी–पुराण चुटकी गुलाल की |
शैली खत्री | बादल छँट गए |
संजय ग्रोवर | अकादमी अनुदान और लेखक एक कॉलम व्यंग्य मरा हुआ लेखक सवा लाख का राष्ट्रप्रेम |
संतोष खरे | धूप का चश्मा |
संजय पुरोहित | लोन ले लो...लोन |
समीरलाल समीर | कड़वा वाला हनी |
डॉ. सरोजिनी प्रीतम | नमकहीन नमकीन |
सुधारानी श्रीवास्तव | बुढ़ापे को प्रेम सच्चो होत है |
सुधीर ओखदे | मनीप्लांट |
सुबोध कुमार श्रीवास्तव
| गणेशीलाल का गमछा प्रेम |
सुरेन्द्र सुकुमार
| जूतों का महत्त्व |
सूरज प्रकाश | नया साल कुछ ऐसा हो |
स्नेह मधुर | कैसे कैसे अभिनंदन समारोह मूँछ, नाक और मनोबल |
हरि जोशी |
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हरिशंकर परसाईं | आध्यात्मिक पागलों का मिशन एक मध्यवर्गीय कुत्ता खोज एक देशभक्त कवि की ठिठुरता हुआ गणतंत्र नया साल भोलाराम का जीव |
हरिहर झा | भारतीय छात्र जाएँ भाड़ में |
त्रिभुवन पांडेय | ललित निबंध होली पर |
ज्ञान चतुर्वेदी
अभिव्यक्ति से साभार | मूर्खता में ही होशियारी है रामबाबू जी का वसंत
लिन्क http://www.abhivyakti-hindi.org/vyangya/ |
बढ़िया और पढने योग्य संकलन ..कुछ ले जा रहा हूँ पढने के लिए !
जवाब देंहटाएंआभार !
अच्छा लगा अपने आप को यहाँ देख कर .धन्यवाद ...
जवाब देंहटाएंमेरी और भी रचनायें पाठकों को उपलब्ध कराएं..आप का आभार
सुधीर ओखदे