16 सित॰ 2021

नार्मदीय ब्राह्मण समाज के श्री जयदीप गोविंद ( IAS ) बने वाणिज्यिक कर अपील बोर्ड के अध्यक्ष

         श्री जयदीप गोविंद
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श्री जयदीप गोविन्द मध्यप्रदेश कैडर के 1984 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा से संबंध हैं। इन्होंने 14.01.2019 को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के महासचिव के रूप में प्रभार ग्रहण किया। इनकी नियुक्ति ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल एवं स्वच्छता तथा भू-संसाधन विभाग के मंत्रालयों में विशेष सचिव एवं वित्तीय परामर्शदाता के रूप में की गई थी जिनमें शामिल हैं फ्लैगशिप योजनाएं जैसे मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, एन.आर.डी.डब्ल्यू.पी., स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल इंडिया, लैण्ड रिकॉर्ड मौर्डनाइजेशन प्रोग्राम आदि। वे भारत सरकार में विभिन्न महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे जैसे गृह मंत्रालय में अपर सचिव तथा इन्होंने अनेक जटिल क्षेत्रों पर कार्य किया जैसे वामपंथी उग्रवाद तथा पुलिस आधुनिकीकरण एवं सी.ए.पी.एफ. के लिए प्राप्ति आदि। श्री गोविन्द ने गृह मंत्रालय में केन्द्र-राज्य अनुभाग तथा मानव अधिकार अनुभाग का कार्य देखा। इन्होंने मानव तस्करी पर न्यूयार्क में यू. एन. फॉरम को संबोधित किया तथा बैंकॉक में महिलाओं एवं बच्चों की तस्करी की महत्त्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। इन्होंने भारत सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, जे एण्ड के अफेयर्स विभाग, जनजाति मंत्रालय में भी अपनी सेवाएं दी। इन्होंने मध्य प्रदेश में उज्जैन में तीन वर्ष तक मंडल आयुक्त के रूप में, आयुक्त (जनजाति) मध्य प्रदेश तथा तकनीकी एवं उच्च शिक्षा में प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी, मध्यप्रदेश के रूप में इन्होंने 2014 में लोकसभा चुनाव कराने के लिए देश में सर्वोत्तम सी.ई.ओ. का विशेष पुरस्कार जीता तथा विधानसभा चुनाव कराने के लिए वर्ष 2013 में सर्वोत्तम राज्य पुरस्कार भी प्राप्त किया। इन्होंने मध्यप्रदेश में जनजातीय आयुक्त रहते हुए वन अधिकार अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु टीम के रूप में वर्ष 2010 में प्रधानमंत्री से सिविल सेवकों के लिए उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त किया।

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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!