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26 अग॰ 2007

है दुनिया "आभास की "









आप सबके लिए

आभार की "अभिव्यक्ति" के लिए शब्द नहीं है..
हमारे पास,उम्दा फनकार को आपका प्यार मिलता रहेगा हमें उम्मीद है..........!!
ABHAAS
आभास जोशी स्नेह मंच,
जबलपुर , मध्य प्रदेश

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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!

कितना असरदार

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