जबलपुर में 60 वर्ष की वय पूर्ण कर चुके साहित्यकार एकत्र हुए शहीद स्मारक प्रांगण में ,ये चित्र दुर्लभ है इसे सुलभ कराया भाई विजय तिवारी "किसलय"ने
मयकदा पास हैं पर बंदिश हैं ही कुछ ऐसी ..... मयकश बादशा है और हम सब दिलजले हैं !!
सभी बुजुर्गवारों को नमन एवं उनके शतायु होने
जवाब देंहटाएंकी मंगलकामनाएं.