संस्कार धानी के वयोवृद्ध श्रीयुत काशीनाथ अमलाथे की कृति नर्मदाष्टक विवेचन एवं गोत्र ऋषि परिचय का लोकार्पण स्वामी सत्य मित्रानंद गिरी जी ने किया
मयकदा पास हैं पर बंदिश हैं ही कुछ ऐसी ..... मयकश बादशा है और हम सब दिलजले हैं !!
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Hello
जवाब देंहटाएंआभार इस समाचार का.
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