मैं तुम्हारा आख़िरी ख़त जाने किसके हाथ आऊं
तुम पढो इक बार मुझको इक नया संचार पाऊं !
सौंपना चाहो मुझको सौंप दो पीडा का सागर
मैं उसे मथ भेज दूंगा काढ़ के अमिय-गागर...!!
तुम पढो इक बार मुझको इक नया संचार पाऊं !
सौंपना चाहो मुझको सौंप दो पीडा का सागर
मैं उसे मथ भेज दूंगा काढ़ के अमिय-गागर...!!
दो
स्वप्न प्रिया
मैंने भी देखे हैं सपने
चांदनी से सपने…..
क्या पूरे होंगे कभी?
मुझे नहीं मालूम
फिर भी मेरा हक है
सपने देखने का
वो सपना जो तुमको
मुझसे मिलाता है
पूरा ही तो है
कौन कहता है स्वप्न पूरे नहीं होते
*गिरीश बिल्लोरे मुकुल
बहुत बढ़िया ..
जवाब देंहटाएंANVAR BHAI
जवाब देंहटाएंSHUKRIYA
Ati sunder.
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत...
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा...
वाह!
jaroor hote hain sapanen poore
जवाब देंहटाएंkyonki swapn we nhin hote jo swapn bn swapnon men kho jaaye , swpn tow we hote hai jo hakeekat men aa kaliyaan khila jaayen . bahut hi achchhi rachana