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26 जन॰ 2009

पालने से पालकी तक

“पालने से पालकी तक बेटियों का सुदृढ़ जीवन सफल जीवन “

पालने और पालकी को

सजाने की

समझ जो है - "बेहतर है....!"

ज़िन्दगी बेटियों की

भी संवारी जाए तो अच्छा !!

पालने में दुलारो खूब

बिटिया को "बेहतर है....!"

ज्ञान-साहस से सजी बिटिया

बिदा की जाए तो अच्छा ..

5 टिप्‍पणियां:

  1. गणतंत्र की जय हो . आपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

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  2. बहुत ही ऊँची बात कही मुकुल जी,
    ज्ञान-साहस से सजी बिटिया
    बिदा की जाए तो अच्छा ..
    क्या बात है!

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  3. बहुत सुंदर......गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सही रचना..पसंद आई.

    आपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

    जवाब देंहटाएं
  5. गणतंत्र की जय हो .
    गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

    जवाब देंहटाएं

कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!

कितना असरदार

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