इस से आगे बांची जाए
प्रेम-संदेशा, विरहनियों से सुन-सुन उनके हरजाई को भेजते कागा की करतूतें उनसे से कतई कमतर नहीं होतीं.......!!
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वनन में बागन में बगर्यो बसंत है…">वनन में बागन में बगर्यो बसंत है…">01:-वैलेंटाईन - मायने कित्ते बदल गए भैया अब कानपुर के सुकुल जी -काग-कागी प्रेम चित्र छापे अपने दिल में सुईसितार गिटार सब बज गईं अपन नै सफ्फा-सफ्फा कह दओ-" अब देख्यो सुकुल भैया जे जो काग...जी...कागी-भौजी से चूंच लड़ा रए हैं अच्छो लगो मनो साँची बात जा है कै पिछले साल वैलेंटाईन उर्फ़ विलेनटाइम पे कागी-भौजी कोऊ और हथी !!पिछली साल वारी कागी-भौजी को आवेदन हमाए दफ्तर में दाखिल है हम घरेलू हिंसा क़ानून में हमें "संरक्षण-अधिकारी जो बनाओ है "जो भी कागी खों उनके कागा की हरकत अबके वैलेंटाईन पे परेशान करें सो हमाए पास आ जाएँ हम "डोमेस्टिक-इन्सिडेंस-रपट"D.I.R.) तैयार कर दें हैं ।
02:-एक दिन एक प्रेमिका ने प्रेमी हरकतों से तंग आकरसोचा की उसे सबक सिखायाजाए हजूर बस जिद्द पड़ गईसंत वनन में बागन में बगर्यो बसंत है…">वैलेंटाईन दिवस पर बरगी डैम में क्रूज़ पे वहाँ के बाद नरमदा माई के किनारों पे कहीं चौंच लड़ाई जाए । मियाँ मोहब्बत लाल जी ने मित्र के खीसा खलासी ली और बस इश्क की राह पे निकल पडा । डेम पहुंचते क्रूज़ पे सवार हो अपनी ये जोड़ी तिकोना भाग देख-खोज रही थी। जहाँ टाईटैनिकी अंदाज़ में इश्क का इज़हार हो । ज़नाब वहाँ उन महाशय की पुरानी प्रेमिका अपनी सखियों के साथ आयीं थी । सब से मिल के पुरानी प्रेमिका ने इस जोड़े की वो गत बनाई कि दोनों के सर "इशक का भूत" यूँ गायब हुआ ज्यों कि कभी कभी पेट्रोल पम्प से प्रेट्रोल । 03:- अपन भी इश्क से अछूते कहाँ थे । कालेज के दिनों में जिस कन्या में अपन महबूबा की क्षवि देखरहे थे एक दिन हमारी घर वो,उनके पापा,मम्मी, मुस्टंडा टाइप का भाई सब आए शायद यही कोईबसंत का महीना था । सारे के सारे सपने हमारी भय के मारे काँप रहे थे । जिसका अहसास हमारीजिस्म पे भी नज़र आ रहा हमें लगा कि आज हमारी खैर नहीं ...... जैसे ही माँ-बाबू जी ने उनका भावपूर्ण सम्मान किया उनकी बेटी को स्नेहिल दुलार दिया हमको संभावना नज़र आने लगी । बसकनखियों से सुकन्या को निहारते कभी आदर्श पुत्र का एहसास दिलाते माँ-बाबू जी को ।
कन्या के माता-पिता नें बड़े प्रेम से बाबूजी को सुंदर सा कार्ड देकर कहा :-"ज़रूर आना भैया इकलौतीबिटिया की शादी है फ़िर आप का मार्ग दर्शन ज़रूरी भी है न " बेटे तुम तो ज़रूर दो-चार दिन पहले सेआ जाना तुम्हारी छोटी बहन की शादी समझो ....? उनकी बीवी तपाक से बोली:-समझो क्या है इच्च .....!! |
समझ गये ईच्च... :)
जवाब देंहटाएंkya gazab bhabhi ko bataa doon ?
जवाब देंहटाएंbelan padenge
समीर जी समझैच्च गए
जवाब देंहटाएंमाधव बाबा ने बेलन का डर दिखाया
इब्तदा-ऐ-इश्क था होना था क्या
आगे आगे देख होता है क्या
सायद भाई के ख़िलाफ़ डी आई आर मुझे तैयार करनी होगी
जवाब देंहटाएंभाभी को बताए देता हूँ -
तुम्हारा घर मेरे क्षेत्र में है
मौका मिला है निपटाए देता हूँ
मनीष शर्मा
प्रोटेक्शन ऑफिसर
घरेलू हिंसा जबलपुर
मनीष भाई
जवाब देंहटाएंले दे मान लीजिए
दोस्ती है कुछ तो दोस्ती का सम्मान कीजिए
आपकी पोल भी मुझे मालूम है
Fir baboo moshay
जवाब देंहटाएंi kaa kar rie ho