मयकदा पास हैं पर बंदिश हैं ही कुछ ऐसी ..... मयकश बादशा है और हम सब दिलजले हैं !!
Ad
7 अप्रैल 2009
आप कितने बड़े मैजीशियन हों
सच में आप कितने भी बड़े जादूगर हैं किंतु गाजर से बड़े नहीं हो सकते । इसका प्रमाण आपके सामने है । अस्तु मित्रों
बाजीगर अथवा जादूगरी से बढकर होती है ज़मूरे के पेट की आग उसे बुझाइये फ़िर हौले से छा जाइए । भारत वर्ष के सन्दर्भ में अगर वर्तमान में चुनाव के सन्दर्भ में इसे देखें अथवा किसी अन्य सन्दर्भ में देखें तो तय है उपरोक्त कार्टून फ़िल्म सम-सामायिक ही है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
बहुत सही।
जवाब देंहटाएं