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15 मई 2009

चुनाव परिणाम : आप तो मेरा कलेक्शन सुनिए.


परिणाम आने के साथ जहाँ एक और भाजपा के तम्बू से ये आवाज़ सुनाई दे रही है जो तुमको हो पसंद
तो दूसरे खेमे से ये ये स्वर लहरियां निकल रहीं हैं जो शायद मनमोहन साहब गा रहे हैं यह डूएट है साथ दे रहीं मैडम जीमुलायम भैया अमर भाई का इस समय का मनपसन्द गीत ये है। उधर जयललिता जी को भी हिन्दी सिनेमा का ये गीत पसंद है । माया वती जी को आज माया जी रात भर सपनों में दिखाई दे रहीं तभी तो उनका सवेरा ये गाते यूँ हुआ .....!
जबकि इस चुनाव में घर में सो रही कम वोट करने वाले लोगों की स्थिति दीवाने अब्दुल्ला से है
बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना वाली। क्योंकि वो पब्लिक है जो सब जानती है .......!!
यह पोस्ट उन लोगों के लिए समर्पित है जो दफ्तर के खर्च पर ब्लागिंग का मुहिम चला रहें हैं

5 टिप्‍पणियां:

कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!

कितना असरदार

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